महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में अब तक कोई ठोस एक्शन न होने से खाप चौधरी नाराज हैं। WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। लगातार बृजभूषण के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आंदोलन हो रहे हैं।
ऐसे में तालियान खाप के चौधरी ने तय किया है कि भविष्य में उनकी खाप की महिला खिलाड़ी कभी WFI के लिए नहीं खेलेंगी। खाप के मुखिया सुधीर तालियान ने एक पत्र लिखकर जारी किया है। इसमें लिखा है कि बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने से स्पष्ट है कि देश में कानून का राज खत्म रहा है।
तालियान खाप के मुखिया सुधीर तालियान ने यह पत्र लिखा है। जिसमें लिखा है कि यौन शोषण की पीड़ित महिला पहलवानों के प्रति पुलिस प्रशासन और भारत सरकार की कर्तव्य विमुखता से भारतीय समाज भयभीत है। पिछले कई महीनों से महिला पहलवान यौन शोषण की शिकायत को लेकर आंदोलनरत हैं। भारत में यौन शोषण के लिए पर्याप्त कानून है। यह विडंबना है कि महिला पहलवानों को FIR लिखवाने के लिए भी धरना देना पड़ा। इसके बावजूद भी पुलिस ने कर्तव्य विमुखता की हदें ही पार कर दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही FIR दर्ज की गई ।
खाप मुखिया ने आगे लिखा कि एक आम आदमी भी थोड़े से पैसे खर्च करके ही आसानी से एफ आई आर दर्ज करवा सकता है। f.i.r. लिखने के बाद जो रवैया पुलिस ने जांच के नाम पर अख्तियार किया वह घोर आपत्तिजनक है। जिसकी निंदा की जानी चाहिए। यह भी अशोभनीय है कि भारत सरकार अपराधी के पक्ष में खड़ी दिखाई दे रही है। गृहमंत्री और खेल मंत्री पीड़ित पहलवानों के साथ 3 से 4 घंटे की मीटिंग करते हैं इसके बावजूद भी अपराधी पर कोई कार्यवाही नहीं होती।
खाप चौधरी ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि यह सब देख कर समाज में संदेह पैदा हो रहा है कि भारत सरकार ही अपराधी को संरक्षण दे रही है और गिरफ्तारी से भी बचा रही है। एफ आई आर दर्ज होते ही अपराधी अंडर ग्राउंड हो जाया करते थे। लेकिन आजकल फैशन बदल गया है। अब अपराधी लगातार मीडिया में बना रहता है और पीड़ितों के विरुद्ध माहौल बनाता है। क्या अब हम कह सकते हैं कि भारत में कानून का राज है? ऐसा प्रतीत तो नहीं हो रहा है। ऐसे अपराधियों को संरक्षण देकर भारत सरकार की कोई अघोषित मंशा पूर्ण होती हो या किसी पार्टी विशेष का कोई मिशन पूरा होता हो। पुलिस और सरकार के इन क्रिया कलापों को देखकर जहां अपराधी निरंकुश है वही समाज अत्यधिक भयभीत है।
आज समाज इतना भयभीत है कि वह कानून और सरकार दोनों पर ही भरोसा नहीं कर पा रहा है। समाज छटपटा रहा है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है लेकिन अभी भी समाज के पास इसका कोई समाधान नहीं है। भारतीय समाज को कोई ठोस समाधान तलाश करना होगा ताकि भविष्य में शासन और प्रशासन अपराधियों के पक्ष में परिस्थिति निर्माण ना कर पाए और देश में समान कानून का राज पुनर्स्थापित हो जाए।
खाप चौधरी ने खत में लिखा कि जब तक समाज किसी ठोस समाधान पर नहीं पहुंचता तब तक तालियान खाप अपने अधिकार क्षेत्र में यह निर्णय लेती है कि भविष्य में तालान खाप की बच्चियां WFI के लिए नहीं खेलेंगी। खाप की कुश्ती प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उचित स्थान और सम्मान दिलाने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश की जाएगी। तालियान खाप का WFI के साथ यह असहयोग तब तक चलेगा जब तक यौन शोषण पीड़ित महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिल जाता।