सब्जी वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार ने संभाला भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक का पद
मीरजापुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। देश के प्रसिद्ध सब्जी वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, अदलपुरा के निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। इससे पूर्व वे अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना (सब्जी फसल) में परियोजना समन्वयक के पद पर कार्यरत थे।
सब्जी अनुसंधान के क्षेत्र में डॉ. कुमार का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा है। वाराणसी जनपद में वर्ष 1974 में जन्मे डॉ. कुमार ने बी.एससी. की पढ़ाई चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर से तथा एमएससी और पीएचडी गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर से पूरी की। उन्होंने वर्ष 1999 में आईआईवीआर, वाराणसी में वैज्ञानिक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी।
डॉ. कुमार ने अब तक टमाटर की 4, मिर्च की 5 (जिसमें 3 किस्में और 2 संकर शामिल हैं) तथा मटर की 2 किस्मों समेत कुल 11 विशिष्ट सब्जी किस्मों/संकर किस्मों के विकास में अहम भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त उन्होंने टमाटर के तीन एवं मिर्च के एक आनुवंशिक स्टॉक का विकास भी किया है।
उनके अनुसंधान कार्यों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में व्यापक रूप से प्रकाशित किया गया है। उत्कृष्ट शोध व योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (नास), यूपी कृषि विज्ञान अकादमी, भारतीय बागवानी विज्ञान अकादमी तथा भारतीय सब्जी विज्ञान सोसायटी की फेलोशिप सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
वर्तमान में डॉ. कुमार देशभर के 36 नियमित और 24 स्वैच्छिक केंद्रों पर सब्जी अनुसंधान परियोजनाओं का समन्वयन कर रहे थे। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा निदेशक पद के लिए चयनित किए जाने पर संस्थान में हर्ष की लहर है।
कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशील, गुणवत्तायुक्त तथा कीट व रोग प्रतिरोधी सब्जी किस्मों के विकास के लिए जीनोम एडिटिंग, क्रिस्पर-कैश 9, मॉलिक्यूलर मार्कर्स जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। इसके साथ ही अल्पदोहित सब्जियों को मुख्यधारा के शोध में लाकर उनके उत्पादन एवं प्रसार को बढ़ावा देना उनका प्रमुख लक्ष्य होगा।