भारतीय सेना 18 को नेलांग से शुरू करेगी सूर्य देवभूमि चैलेंज की शुरुआत

: 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है नेलांग घाटी भारत -चीन बॉर्डर

उत्तरकाशी, 14 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय सेना 18 अप्रैल को सूर्य देवभूमि चैलेंज के तहत एक साहसिक आयोजन साइक्लिंग और दौड़ करवाने जा रही है। 17 अप्रैल एक्सपो, हर्षिल में शुभारंभ होगी और 18 अप्रैल को साईकिल रेस का शुभारंभ नेलांग घाटी से होगी। सूर्य देवभूमि चैलेंज एक अभूतपूर्व अल्ट्रा-एंड्योरेंस इवेंट है जो नेलांग घाटी से 110 किलोमीटर की दूरी तय कर ऊंचाई वाली जगह से साइकिलिंग के दौड़ के साथ खड़ी ढलान, अप्रत्याशित मौसम और चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाके से भटवाड़ी पहुंचेंगी । इस में सेना और आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं । दूसरे दिन 19 अप्रैल को सुबह की शुरुआत भटवाड़ी से पर्वतिय हिमालयी रास्तों और खड़ी चढ़ाई पर 37 किलोमीटर की रनिंग बुड्ढे केदार तक होगी वहीं तीसरे दिन गुतू तथा अगले दिन सोन प्रयाग के लिए रवाना होगी।

गौरतलब है कि भारतीय सेना और उत्तराखंड सरकार बहुत गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं ‘ सूर्या देवभूमि चैलेंज’ – एक अभूतपूर्व अल्ट्रा-एंड्योरेंस इवेंट जो हिमालय की विशालता के साथ मानवीय साहस को भी जोड़ता है। अपनी ही तरह की यह पहली पेश्कश दो अदम्य ताकतों को एक साथ लाती है। जो कि है भारतीय सेना का अटूट साहस और भारत के अपराजेय साहसी लोगों की अथक भावना। उत्तराखंड के इन् ऊंचाई वाले, ऊबड़-खाबड़ इलाके में आयोजित, ‘सूर्या देवभूमि चैलेंज’ को मानवीय सहनशक्ति, मानसिक साहस और भावनात्मक शक्ति को उनके पूर्ण शिखर तक ले जाने के लिए तैयार किया गया है। हिमालय की नाटकीय और विस्मयकारी पृष्ठभूमि के साथ , यह केवल एक एथलेटिक इवेंट नहीं है, बल्कि यह दृढ़ता, सहनशीलता और जीत हासिल करने के विश्वास कि यात्रा है। सूर्या देवभूमि चैलेंज का प्रत्येक दिन शारिरिक सीमाओं को तोड़ने और अपने अदम्य साहस को प्रदर्शित करने का एक अभुतपूर्व प्रयास है जिसे कि अथक परिश्रम के साथ तैयार किया गया है।

बता दें कि भारत में आयोजित अब तक के सबसे कठिन प्रतियोगिता में से एक है। जिसमे शारीरिक कठोरता से परे एक गहरा उद्देश्य छिपा है। यह वह आयोजन है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का उत्सव है साथ ही हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और भारतीय लोगों के अथक परिश्रम का प्रतीक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह चुनौती केवल सेना तक ही सीमित नहीं है, ‘सूर्या देव भूमि चैलेंज’ में नागरिकों की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जिसमे देश भर के एथलीट, साहसी युवाओं को सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जो एकता, दृढ़ संकल्प और सहयोग की शक्तिशाली भावना का प्रतीक है।

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