पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण रिश्तेदारी के चलते मेरठ की सना ने अपनी शादी पाकिस्तान में की थी। उनके परिवार से जुड़ी एक समस्या ने हाल ही में सुर्खियां बटोरी हैं। सना की मां जुबैदा का कहना है कि उनकी बेटी की शादी पाकिस्तान में हुई है और वहां उनकी दो ननदें भी हैं। यह सब सोचकर उन्होंने अपनी बेटी की शादी वहीं करने का निर्णय लिया। लेकिन अब भारतीय सरकार के नए दिशानिर्देशों के कारण सना पाकिस्तान नहीं जा पा रही हैं, और उनके छोटे बच्चे भी भारत में रह रहे हैं, जोकि परिवार के लिए बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है।
सना के पास भारतीय पासपोर्ट है, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं। हाल ही में, सना बाघा बॉर्डर पहुंची थीं, लेकिन भारत के सैनिकों ने उन्हें पाकिस्तान जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि सना भारत की नागरिकता रखती हैं, इसलिए वह पाकिस्तान नहीं जा सकतीं, लेकिन उनके बच्चे जा सकते हैं। हालात ने सना और उनके परिवार को बेहद परेशान कर दिया है। सना की मां जुबैदा इस स्थिति को लेकर विकलांग हैं और पूछती हैं कि क्या यह उचित है कि उनकी बेटी को भारत में रहना पड़े और उसके मासूम बच्चे पाकिस्तान भेज दिए जाएं।
सना के परिजनों ने बताया कि जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, तभी उन्हें जानकारी मिली कि पाकिस्तान के नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोडऩा होगा। इससे उनकी दुविधा और बढ़ गई। सना की मां ने बताया कि उन्होंने दिल्ली जाकर सना का पासपोर्ट बनवाया, और फिर सीमा पर जाने का प्रयास किया, लेकिन अंततः उन्हें लौटाना पड़ा। परिवार के लिए यह स्थिति बहुत कठिनाईपूर्ण है, खासकर जब सना के छोटे बच्चे हैं जिनकी देखभाल करनी आवश्यक है।
सना के चाचा सिराजुद्दीन ने कहा कि अब परिवार चाहता है कि उनकी बेटी और बच्चे सुरक्षित पाकिस्तान पहुँच सकें। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए। पड़ोसी और अन्य स्थानीय लोग भी इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं। वे कहते हैं कि सना और उसके बच्चों का पाकिस्तान जाना उचित है, क्योंकि वह वहां की बहू हैं और बच्चों को मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए।
सना की कहानी भारतीय-पाकिस्तानी संबंधों की जटिलता को दर्शाती है। यह मामला केवल एक परिवार का नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था का भी है जिसमें परिवारों का बिखराव हो रहा है। सरकार को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सना और उसके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि वे सुरक्षित रूप से अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें। सभी का यही सपने हैं कि इस तरह की दुविधाओं के समाधान जल्द से जल्द हो सकें, ताकि परिवार फिर से एकजुट हो सके।