आगरा में राजनीतिक चहल-पहल बढ़ गई है, क्योंकि आगामी 19 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव का आगमन होना है। इस अवसर पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने करणी सेना के नेताओं को दो-दो हाथ करने की चुनौती दी है। सुमन का यह बयान तब आया है जब 26 मार्च को करणी सेना के 800 कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर तोड़फोड़ की थी। यह घटनाक्रम उस समय का है जब करणी सेना ने सुमन के घर से 15 किलोमीटर दूर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया था। इसी बीच, आगरा पुलिस ने सांसद के आवास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
सपा सांसद रामजी लाल सुमन हरीपर्वत के एचआईजी फ्लैट में निवास करते हैं। पुलिस ने उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए वहां कई बैरियर और चेकपॉइंट स्थापित किए हैं। इन बैरियर के माध्यम से बाहरी लोगों की एंट्री को नियंत्रित किया जा रहा है, और उनकी पहचान को सुनिश्चित करने के लिए आईडी की जांच की जा रही है। पूरे इलाके में पुलिस तैनात है, और सड़क पर आने-जाने वालों के नाम, पते और मोबाइल नंबर भी नोट किए जा रहे हैं। DCP सिटी सोनम कुमार ने बताया कि सांसद के घर तक पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति की सख्त चेकिंग होगी, ताकि कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वालों से निपटा जा सके।
राजनीतिक दृष्टिकोण से, इस बार का आगरा दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। करणी सेना और क्षत्रिय महासभा अपनी तैयारी में जुटी हैं और उनकी योजना है कि वे अखिलेश यादव के स्वागत में काले झंडे दिखाने और प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे। वहीं, सपा अपने प्रतिष्ठान को बचाने के लिए जोरदार तरीके से जवाब देने की योजना बना रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से फूलों की मालाएं लेकर अखिलेश का स्वागत करने की तैयारी भी की जा रही है, जबकि पुलिस बल लॉ और ऑर्डर सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।
इस बीच, सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयानों को लेकर क्षेत्र में तनाव भी बना हुआ है। उन्होंने कहा था कि अगर कोई यह कहता है कि हर मस्जिद के नीचे एक मंदिर है, तो फिर हमें यह भी कहने की आवश्यकता है कि हर मंदिर के नीचे एक बौद्ध मठ है। ऐसे बयानों के चलते क्षत्रिय सभा ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें इसे समाज में गृह युद्ध की स्थिति पैदा करने वाला कहा गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि विपरीत बयानबाजियों का असर 2027 में सपा पर पड़ेगा।
19 अप्रैल को अखिलेश यादव के आगमन के मद्देनजर अब सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस मौके पर सपा सांसद और करणी सेना के बीच की तनातनी ने आगरा की राजनीतिक सूरत को संवेदनशील बना दिया है। सुसंगठित सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, राजनीतिक माहौल में काफी गर्माहट है, जो कि अगले कुछ दिनों में और भी बढ़ सकती है।