बीएसई सेंसेक्स गुरुवार सुबह कारोबार के दौरान 123 अंक नीचे था। बाजार ने अमेरिकी रेटिंग में गिरावट के प्रभाव को झेल लिया।
बुधवार को भारी गिरावट के बाद सेंसेक्स 65,659 अंक पर कारोबार कर रहा था।
टाइटन के कारण सेंसेक्स में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि अक्सर शेयर बाजार अप्रत्याशित घटनाओं से प्रभावित होते हैं। जब बाजार का मूल्यांकन ऊंचा होगा, तो बिकवाली तेज होगी। फिच द्वारा अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग घटाने के बाद वैश्विक बाजारों में यही हुआ।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की नरम लैंडिंग कथा, जो चल रही वैश्विक रैली को चला रही है, बरकरार है और मजबूत हो रही है। अमेरिका में जीडीपी ग्रोथ मजबूत है और महंगाई कम हो रही है। अमेरिका की 80 फीसदी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं। फिच डाउनग्रेड इस महत्वपूर्ण मैक्रो निर्माण को नहीं बदलता है। उन्होंने कहा कि रेटिंग में गिरावट का भावनात्मक प्रभाव जल्द ही खत्म होने की संभावना है।
भारत में मूल्यांकन अल्पकालिक परिप्रेक्ष्य से समृद्ध बना हुआ है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए उचित है। बाजार में कमजोरी का उपयोग धीरे-धीरे उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों को जमा करने के लिए किया जा सकता है, जिनमें सुधार हुआ है। विजय कुमार कहा कि बैंकिंग, पूंजीगत सामान और निर्माण-संबंधी क्षेत्रों के प्रमुख शेयर लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छे दिखते
हैं।