यूपी एसटीएफ ने यूपीएसएसएससी की परीक्षा के दूसरे दिन भी कार्रवाई करते हुए दस जिलों के दर्जनों परीक्षा केंद्रों पर छापा मारकर 28 सॉल्वर, दो अभ्यर्थी और एक दलाल समेत कुल 31 लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकतर सॉल्वर बिहार के हैं। वह ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से पेपर हल कर रहे थे। सोमवार को एसटीएफ ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। वहीं दूसरी तरफ चेकिंग के दौरान 83 मुन्ना भाई पकड़े गए। जो संदिग्ध हालात में परीक्षा देने पहुंचे थे।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने बताया कि वीडीओ भर्ती परीक्षा के लिए 20 जिलों में 737 केंद्र थे। परीक्षा सोमवार और मंगलवार को दो-दो पालियों में आयोजित की गई। सख्ती के चलते 36 फीसदी परीक्षा में शामिल हुए। दोनों दिनों को मिला कर 514206 ने परीक्षा दी और 912966 ने परीक्षा छोड़ी।
लखनऊ में आठ और गोरखपुर में सात सॉल्वर गिरफ्तार
एसटीएफ एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार को लखनऊ से आठ, गौतमबुद्धनगर से तीन, गाजियाबाद से तीन, मेरठ, प्रयागराज व अलीगढ़ से एक-एक, आगरा से चार, गोरखपुर से सात और बस्ती से दो सॉल्वर गिरफ्तार किए गए। दूसरी तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ‘फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ की मदद से दूसरे की जगह परीक्षा देने पहुंचे 83 लोगों को पकड़ा गया।
जिसमें आगरा में चार, अलीगढ़ आठ, आजमगढ़ पांच, बांदा दस, बस्ती तीन, गौतमबुद्धनगर पांच, गाजियाबाद सात, गोरखपुर छह, झांसी चार, कानपुर 16, लखनऊ 12, मेरठ एक, मिर्जापुर पांच, प्रयागराज एक, वाराणसी आठ, मुरादाबाद एक और बरेली में एक नकलची था।
सॉल्वर के तौर पर बिहार के लड़के परीक्षा में बैठते
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि सॉल्वर गैंग के सरगना अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए तीन लाख से 15 लाख रुपये तक की डील करते हैं। वहीं जिन सॉल्वरों से परीक्षा दिलवाते थे उनको 20 से 50 हजार रुपये थमाते थे। परीक्षा से पहले दस हजार और बाकी रकम बाद में देना तय हुआ था।
अधिकतर सॉल्वर बिहार से बुलाए जाते हैं। गाजियाबाद में गिरफ्तार देवेन्द्र सिंह ने बताया कि वह विभिन्न परीक्षाओं की प्रतियोगात्मक परीक्षा में अभ्यर्थियो के एडमिट कार्ड लेकर उनके स्थान पर दूसरे व्यक्तियों को बैठाकर आधार कार्ड पर फोटो मिक्सिंग व नाम पता परिवर्तन कर प्रश्न पत्र को सॉल्वर से सॉल्व कराता है। जिसके लिए पटना बिहार निवासी सचिन और राहुल के माध्यम से सॉल्वर बिहार से यूपी बुलाता है। इस बार भी सतेन्द्र, चन्दन और अंकुर को उसने ही भेजा था।