झांसी के सीपरी बाजार थाना इलाके की चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले एक छात्र ने यूपीएससी की परीक्षा में लगातार असफल होने पर बीती रात अपने घर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाई और फिर मकान की चौथी मंजिल से कूद गया। छात्र की मौके पर ही मौत हो गई।

आत्मघाती कदम उठाने वाले छात्र के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मौत के सौ से भी ज्यादा कारण हो सकते हैं। लेकिन परिवार वाले बता रहे हैं कि वह 2019 से यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहा था लेकिन हर बार बहुत थोड़े नंबरों से रह जाता था। चित्रकूट कॉलोनी में रहने वाले मनोज कुमार रजक फिरोजाबाद में आरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। यहां उनका बेटा मयूर रजक (26) अपनी मां अनीता के साथ रहता था। जबकि, बहन आकांक्षा बंगलुरू में रहकर पीएचडी कर रही है। बेटा मयूर पिछले कई वर्षों से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। लेकिन, उसके हाथ लगातार असफलता लग रही थी।

पिछले तीन बार से वह एक-दो नंबरों से रह जा रहा था। इससे वह परेशान रहने लगा था। सीओ सिटी राजेश कुमार राय ने बताया कि मौके पर मिले साक्ष्य और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से जो जानकारी हुई है उसके मुताबिक रात को करीब 2:40 बजे मयूर अपने मकान की चौथी मंजिल पर गया है। वहां पेट्रोल डालकर आग लगाई और फिर नीचे कूद गया।

रात को तकरीबन सवा तीन बजे पड़ोस में रहने वाला सिपाही ड्यूटी के लिए निकल रहा था। उसने सड़क पर मयूर को पड़े देखा। सिपाही की सूचना पर ही सीपरी पुलिस मौके पर पहुंची थी। मयूर की मां अनीता को भी बेटे के आत्मघाती कदम उठाने की जानकारी पुलिस से ही हुई थी।

मां को पता था कि उसका बेटा मयूर दूसरी मंजिल पर बने स्टडी रूम में पढ़ रहा होगा या सो गया होगा। पुलिस ने जब छात्र के कमरे की तलाशी ली तो वहां एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि आत्महत्या के सौ से ज्यादा कारण हो सकते हैं। इसमें किसी का दोष नहीं है। इसके लिए किसी को परेशान न किया जाए। इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मचा है।
आत्महत्या करने वाला छात्र मयूर रजक धार्मिक प्रवृत्ति का था। उसके कमरे से पुलिस को इंग्लिश में लिखा हुआ सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मौत के सौ से ज्यादा कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है। लिहाजा, उसकी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए। यह मेरा खुद का फैसला है। इसके लिए मैं कई दिनों से सोच रहा था। साथ ही उसने लिखा कि उसका अंतिम संस्कार विधि विधान से किया जाए और उसकी अस्थियों को गंगा के उद्गम स्थल पर प्रवाहित किया जाए। अंत में उसने राम-राम लिखा।
मयूर रजक ने साल 2019 में सोनीपत से फूड टेक्नोलॉजी विषय से बीटेक किया था। इसके बाद से वह यूपीएससी की तैयारी करने लगा था। तैयारी करने के लिए वह लगभग एक साल तक दिल्ली के मुखर्जी नगर में भी रहा था। कोरोना के चलते उसे झांसी वापस आना पड़ा था। इसके बाद से ही वह घर में रहकर ही तैयारी कर रहा था। मृतक के ताऊ हरिकृष्ण रजक ने बताया कि परीक्षा में फेल होने पर दो साल पहले उसने गुस्से में अपना मोबाइल और लैपटॉप तोड़ दिया था। लेकिन, बाद में वह संभल गया था और फिर से तैयारी में लग गया था।सीओ सिटी राजेश कुमार राय ने आग लगने के बाद मयूर के छटपटाहट में चौथी मंजिल से गिरने की भी आशंका जताई। सीओ ने बताया कि आमतौर पर आग से घिरने के बाद लोग बचाव में इधर-उधर भागते हैं, संभावना है कि ऐसे में ही मयूर भी छत से गिर पड़ा। हालांकि, पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। मौके से फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य इकट्ठे किए हैं।

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