उत्तर प्रदेश के हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के बाद बुधवार को पूरे प्रदेश के वकील हड़ताल पर रहे। लखनऊ, प्रयाग और मेरठ में वकीलों की पुलिस से झड़प भी होती देखी गई।
इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री की ओर से मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दिया गया है।
हापुड़ की घटना के विरोध में वकीलों ने शामली बागपत मेरठ समेत पश्चिमी यूपी के 22 जिलों में हंगामा और धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान न्यायिक कार्यों से विरत रहकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सोपा। हंगामे की आशंका को देखते हुए सुबह से ही कचहरी में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
मेरठ में वकीलों ने जमकर अराजकता की है। लखनऊ में मिली सूचना के अनुसार गुस्सााए वकीलों ने पुलिस वालों के साथ धक्का-मुक्की की। इस दौरान वकीलों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारे लगाए। वकीलों ने कहा कि पुलिस अगर बेवजह वकीलों को परेशान करती रहेगी तो पूरे भारत में वकील हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगे।
प्रयागराज से मिली जानकारी के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने एक पुलिसकर्मी के गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। वकीलों ने कहा कि पुलिस की ओर से हापुड़ में महिला वकील के साथ की गई अभद्रता सहनीय नहीं है। उधर, मुख्यमंत्री ने मेरठ के कमिश्नर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन के आदेश दिए हैं। इस जांच कमेटी में आईजी मेरठ और डीआइजी मुरादाबाद सदस्य हैं। समिति को घटना के सभी पहलुओं की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
प्राप्त सूचना के अनुसार, हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में चल रहे हड़ताल को समर्थन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ आदि ने हापुड़ पहुंच 48 घंटे में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित दोषी पुलिसकर्मियों को हटाने ओर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
मेरठ, गाजियाबाद, गढ़मुक्तेश्वर, धौलाना और बुलंदशहर बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भी हापुड़ पहुंचे। प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गौड़ ने कहा कि अगर शासन 48 घंटे में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित दोषी पुलिसकर्मियों को हटाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग पूरी नहीं करता है तो पूरे उत्तर प्रदेश में हड़ताल होगी।
लखनऊ में विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आज कहा कि हापुड़ में मंगलवार को हापुड़ में पुलिस और वकीलों के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी, जिसे देखते हुए पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व मेरठ के आयुक्त करेंगे, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मेरठ और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुरादाबाद इसके सदस्य होंगे। कुमार ने कहा कि एसआईटी को जिम्मेदारी तय करते हुए मामले के सभी पहलुओं की जांच करते हुए सात दिनों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बार काउंसिल के सदस्यों के संपर्क में हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की अपील भी की गई है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि वकीलों या आम जनता के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वकीलों पर लाठीचार्ज की निंदा की है। पार्टी ने अपने बयान में राज्य में अराजकता होने और भाजपा सरकार में पुलिस के बेलगाम होने का आरोप लगाया है। सपा ने कहा पुलिस ने अदालत परिसर में घुसकर जिस तरह से वकीलों और महिलाओं को बर्बरता से पीटा है वह घोर निन्दनीय है।
ज्ञात हो कि हापुड़ पुलिस ने एक महिला अधिवक्ता व उनके पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसके विरोध में मंगलवार को वकीलों ने सड़क को जाम कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने सड़क पर लगे जाम को खुलवाने के लिए वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने पुरुष अधिवक्ता के साथ-साथ महिला अधिवक्ताओं पर भी लाठीचार्ज किया।