उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर मदरसों की जांच कराने का फैसला किया है। इस बार जांच के दायरे में अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसे होंगे। इसकी जांच के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई है। इससे पहले सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराई थी।

कुछ महीने पहले यूपी सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों और उनकी फंडिंग के स्रोत की जांच करायी थी। जांच एटीएस से कराई जा रही है। यूपी में 4394 हैं। इनमें जांच की शुरुआत अनुदानित मदरसों की से की जाएगी।

सरकार ने इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। मदरसा शिक्षा बोर्ड की रजिस्ट्रार प्रियंका अवस्थी ने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा को पत्र लिखकर यूपी मान्यता प्राप्त मदरसा सेवा नियमावली के तहत इनकी जांच कराने का निर्देश दिया है। अनुदानित मदरसे की जांच जिलाधिकारी द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे। वहीं जिन जिलों में मदरसों की संख्या 20 से अधिक होगी उनकी जांच मंडलस्तरीय नामित कमेटी की ओर से की जाएगी।

यह कमेटी मदरसों में शिक्षकों और कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेख, मूलभूत सुविधाएं और भवन की जांच करेगी। इसमें यह भी देखा जाएगा कि बच्चों को मानकों के अनुसार शिक्षा दी जा रही है या नहीं।

वहीं कमेटी यह भी देखेगी कि मदरसों में पढ़ रहे बच्चों के शिक्षा का वैज्ञानिक और आधुनिक स्तर क्या है।वहीं यह भी देखा जाएगा कि कुल स्वीकृत पदों की संख्या, कार्यरत लोग, कक्षाओं की संख्या और क्या वह मानकों के अनुसार रूप है या नहीं, शिक्षकों के अनुरूप छात्रों का अनुपात और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाए जाने की स्थिति की जांच होगी।

गौरतलब है कि यूपी में कुल 560 अनुदानित मदरसे हैं। कमेटी इन मदरसों की जांच 30 दिसंबर तक पूरी कर लेगी। इसके बाद स्थायी मान्यता प्राप्त वाले मदरसे की जांच की जाएगी जिनकी संख्या 3834 है। अधिकारियों की माने तो 15 जनवरी से 30 जनवरी के बीच जारी कर इसे रजिस्ट्रार को सौंपे जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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