उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ लोग बाढ़ की समस्या से लड़ रहे है, वहीं दूसरी तरफ अब प्रदेश में आई फ्लू यानी कंजेक्टिवाइटिस की बीमारी भी तेजी से फैल रही है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसकी चपेट में आ रहे है। अस्पतालों में भी आंखों के संक्रमण के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।

बता दें कि यूपी में आई फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे है। अब मरीजों में भी यह बीमारी फैल रही है। इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती है। पलकों में सूजन आ जाती है और दर्द भी होता है। 48 से 72 घंटे तक यह प्रभावी है। इसके बाद कम होना शुरू हो जाता है। पांच से सात दिन में यह स्वतः ठीक हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर परामर्श निर्गत किया है। वहीं, डॉक्टरों की सलाह है कि आंखों में काजल न लगाएं। इससे यह संक्रमण को और बढ़ा सकता है। क्योंकि काजल में क्या-क्या इस्तेमाल किया जाता है, यह पता नहीं होता है। इसलिए आंखों में काजल लगाने से मना किया जाता है।

डॉक्टरों की सलाह है कि आई फ्लू से बचने के लिए हाथों को धोते रहें। हाथ हर समय साफ रखना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि हाथ को आंख के पास नहीं ले जाएं। अगर कोई आई फ्लू की चपेट में आ जाता है तो वह खुद को परिवार के बाकी सदस्यों से एक-दो दिन के लिए अलग रख ले। कपड़े अलग धोए। कास्मेटिक व अन्य चीजों के सामूहिक इस्तेमाल से बचना चाहिए और बीमारी होने पर डॉक्टर को दिखाएं और इलाज कराएं। जो भी इससे प्रभावित है, उसका बिस्तर, तकिया, गमछा आदि अलग कर देना चाहिए। कोई भी वस्तु ढूंढने के बाद हाथों को साबुन से धोना चाहिए। घर से जाते और आते समय हाथ अवश्य धुलना चाहिए। संक्रमित के लिए अलग कमरे की व्यवस्था करनी चाहिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन ने बताया कि इन दिनों यह बीमारी व्यापक रूप से फैल रही है। यदि कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाए तो घर के शौचालय और स्नानघर की सफाई पर विशेष ध्यान देना है। अगर संक्रमण है तो आंखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें और लोगों से दूरी बना लें। संक्रमित व्यक्ति से औरों को भी संक्रमण का खतरा होता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति की आंखों के लिए अलग आई ड्राप रखना है। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय परामर्श से ही आई ड्राप लेना चाहिए। आंखों को बार-बार छूना या मलना नहीं चाहिए। वहीं, सीएमओ डा. अंशुमान सिंह ने कहा कि सभी सीएचसी, पीएचसी को संक्रमण के चलते सतर्क रहने का आदेश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग गांव-गांव कैंप लगाकर लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है।

स्कूलों के बच्चे भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे है। जो भी बच्चे बीमारी की चपेट में है। उनका खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चों में साथ रहने की प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है। जो बच्चे बीमार हों उन्हें घर से बाहर न निकलने दें, बीमार के संपर्क में किसी अन्य बच्चे को नहीं आने दें, स्कूल में शौचालय की तीन से चार बार अच्छे से साफ-सफाई हो, बच्चों के क्लास रूम को ज्यादा से ज्यादा साफ रखना है।

 

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