लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल संबोधन ने लोकसभा की सभी 80 सीटों को जीतने के लक्ष्य लेकर चल रही प्रदेश भाजपा के लिए 2024 का एजेंडा सेट कर दिया है। उप्र में भाजपा नेताओं को विपक्षियों से लड़ने के लिए राम मंदिर के अलावा अब समान नागरिक संहिता, पसमांदा मुस्लिम और तीन तलाक सरीखे तीन नए हथियार और मिल गए हैं। प्रदेश के भाजपा नेता समान नागरिक संहिता के समर्थन में लगातार बयान दे रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस बारे में अपनी राय पहली बार सार्वजनिक की। उनकी यह राय भी प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक भाजपा कार्यकर्ता के सवाल पर सामने आई। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट के जरिए फैसले आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो रहा है। ऐसे में सामान नागरिक संहिता का मुद्दा ही बच रहा है, जिस पर प्रधानमंत्री ने भी इस बार अपना नजरिया साफ कर दिया है।
प्रधानमंत्री के बयान से साफ है कि प्रदेश भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टचार और परिवारवादी पार्टियों को लेकर आक्रमक तेवर में नजर आएगी। इन दोनों मुद्दों पर सपा और बसपा को घेरेगी। उप्र. में दलितों की अलग-अलग जातियों का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकास योजनाओं में किस तरह का उनके साथ भेदभाव किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
हालांकि, पसमांदा मुस्लिमों को साथ लेने की कवायद प्रदेश में भाजपा ने पहले ही शुरू कर दी थी। खासकर आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में पसमांदा मुस्लिमों के सम्मेलन लखनऊ, बरेली व रामपुर में हुए। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा दोनों सीटों पर उपचुनाव जीत गई। भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा लगातार पसमांदा मुस्लिमों को पार्टी के पक्ष में खड़ा करने के लिए पश्चिम उप्र. में कई सम्मेलन किए। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी का संकेत पाने के बाद पसमांदा मुस्लिमों का समर्थन लेने के लिए पूरी शिद्दत के साथ जुटेगी। ऐसा नहीं कि सपा बसपा और कांग्रेस का ही मुस्लिम वोटों पर हक है, भाजपा भी मुस्लिम वोटों की हिस्सेदार है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में पश्चिमी उप्र की मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के मुद्दे पर भाजपा का समर्थन किया था। तीन तलाक को खत्म करने का श्रेय आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। 2019 के चुनाव के बाद सर्वे में ये बात निकलकर सामने आ चुकी है कि शहरी मुस्लिम महिलाओं ने भाजपा को भी वोट किया था।