UP के परिवहन आयुक्त IAS चंद्रभूषण सिंह ने 53 जिलों के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों (ARTO) की सितंबर महीने की सैलरी रोकने का आदेश दिया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि ये निर्धारित शमन शुल्क की वसूली में काफी पीछे रहे, जिससे राज्य सरकार के खजाने को वित्तीय नुकसान हुआ है। इस कड़े फैसले के पीछे परिवहन विभाग की आय बढ़ाने और राजस्व घाटे को नियंत्रित करने की मंशा है। यह कार्रवाई सरकार के राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ARTO अधिकारियों की लापरवाही और गैर-प्रदर्शन के खिलाफ उठाया गया कदम है।

ARTO अधिकारी हर महीने सरकार से वेतन लेते हैं, लेकिन सरकार द्वारा तय किए गए शमन शुल्क वसूली के लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहे। चंद्रभूषण सिंह ने साफ कहा कि यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सरकार द्वारा तय किए गए राजस्व लक्ष्यों को समय पर पूरा करें, जिससे सरकारी खजाने को कोई नुकसान न हो। जब इन अधिकारियों ने अपने काम में लापरवाही बरती और शमन शुल्क के निर्धारित आंकड़े से काफी पीछे रहे, तो आयुक्त ने उनकी सैलरी रोकने का सख्त फैसला लिया।

सरकारी खजाने को हो रहे वित्तीय नुकसान से नाराज परिवहन आयुक्त ने अधिकारियों के प्रदर्शन की गहन समीक्षा की। जिन 53 जिलों के ARTO अधिकारियों को यह सजा दी गई है, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने कार्य में तेजी लाएं और निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करें। यदि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से नहीं निभाते हैं, तो यह कार्रवाई भविष्य में भी जारी रह सकती है।

उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग ने राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। इसमें वाहनों से शमन शुल्क वसूलना और अन्य स्रोतों से राजस्व प्राप्त करना शामिल है। जब अधिकारी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं करते, तो यह न सिर्फ विभाग की साख पर असर डालता है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
अब ARTO अधिकारियों को अपनी सैलरी प्राप्त करने के लिए तय किए गए शमन शुल्क की वसूली में तेजी लानी होगी। यह साफ संकेत है कि भविष्य में परिवहन विभाग अधिकारियों के प्रदर्शन पर कड़ी निगरानी रखेगा। परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी भविष्य में लक्ष्यों को पूरा नहीं करेंगे, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस फैसले से यह साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर तब जब यह राज्य के राजस्व और वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचा रहा हो। यह कदम अन्य विभागों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि वे अपने काम में गंभीरता और पारदर्शिता से कार्य करें।
इस मामले में सरकार की सख्ती ने यह साबित कर दिया है कि लापरवाही या खराब प्रदर्शन किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। ARTO अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को और भी गंभीरता से लेना होगा, वरना यह कार्रवाई जारी रहेगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों पर राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने का दबाव और भी बढ़ गया है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान से बचाया जा सके।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights