इस बार के नगर निकाय चुनाव में सपा का प्रदर्शन पांच साल पहले के चुनाव के मुकाबले अपेक्षाकृत खराब ही रहा। सपा की पार्षद, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, सदस्य, नगर पंचायत अध्यक्ष व सदस्यों हिस्सेदारी घट गई। लोकसभा चुनाव के लिए सपा के सामने अपने मायूस कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर जीत हासिल करने की अब बड़ी चुनौती है।