संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क संभल कोतवाली से निकलते हुए। संभल हिंसा मामले में आज एसआईटी के सामने पेश हुए। एसआईटी प्रभारी कुलदीप कुमार ने बताया कि उन्हें (सांसद जिया उर रहमान बर्क को) 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के सिलसिले में आज बुलाया गया था। उनसे पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। उनसे करीब ढाई-तीन घंटे तक पूछताछ की गई। जरूरत पड़ी तो हम उन्हें दोबारा बुलाएंगे। जांच जारी है।

पिछले साल 24 नवंबर को संभल के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस घटना में गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। दूसरी ओर भल की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का विषय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा भेजा गया एक नया साइन बोर्ड है जिसमें मस्जिद का नाम ‘जुमा मस्जिद’ लिखा गया है। उम्मीद है कि सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा नीले रंग का एएसआई का यह बोर्ड जल्द ही पुराने बोर्ड की जगह लगाया जाएगा। पुराने बोर्ड पर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा हुआ है। 

एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने कहा, ‘‘मस्जिद के बाहर पहले एएसआई का एक बोर्ड लगा था, लेकिन कुछ व्यक्तियों ने कथित तौर पर इसे हटाकर ‘शाही जामा मस्जिद’ लिखा बोर्ड लगा दिया। नया बोर्ड एएसआई के दस्तावेजों में दर्ज नाम ‘जुमा मस्जिद’ के अनुसार बनाया गया है।’’ शर्मा ने कहा कि मस्जिद परिसर के अंदर पहले से ही इसी नाम का एक नीला बोर्ड लगा हुआ है। एएसआई ने अभी तक इस बारे में कोई समयसीमा नहीं बताई कि बोर्ड कब तक लगाया जाएगा। पिछले साल 24 नवंबर को शाही मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी। इस घटना में गोलीबारी के कारण चार लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।

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