प्रतियोगी परीक्षा दे रहे युवाओं जीवन के बहुत से संघर्ष होते हैं। ज्यादातर समस्या पैसे को लेकर होती है। पैसों के अभाव में बहुत सारी प्रतिभाएं कहीं किसी कोने में दब कर रह जाती। ऐसे में आर्थिक रूप से सहारा देने वाला कोई मिल जाए तो विद्यार्थियों के लिए वह किसी मसीहा से कम नहीं होता है। कुछ ऐसे ही मसीहा बने हैं मऊ जिले के मधुबन तहसील निवासी उज्ज्वल मिश्रा।
जी हां उज्जवल मिश्रा एक ऐसे समाजसेवी हैं जो पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सौगात ले कर आए हैं। उज्जवल मिश्रा यूपी पुलिस भर्ती का फॉर्म भर रहे ऐसे युवाओं की फीस भरने का संकल्प लिए हैं जो अपनी फीस भरने में असमर्थ हैं।
उज्ज्वल मिश्रा कहते हैं कि एक दिन उन्होंने कुछ युवाओं को बात करते हुए सुना कि वो 400 रुपए न होने के कारण पुलिस भर्ती का फॉर्म नहीं डाल पा रहे। यह सुन कर मैंने संकल्प लिया कि मैं ऐसे युवा जो पैसे के अभाव में फॉर्म नहीं भर पा रहे, उनकी फीस अपने पास से भरूंगा। असमर्थ ऐसे युवा अपना क्यूआर कोड जेनरेट करके दे रहे या वह अपना आवेदन क्रमांक देते हैं तो मैं उनका फीस जमा कर देता हूं। उज्ज्वल मिश्रा अभी तक 225 युवाओं की फीस भर चुके हैं। उज्ज्वल बताते हैं कि उनका उद्देश्य है कि मऊ जिले से ज्यादा से ज्यादा लोग इस फॉर्म को भरें और चयनित हों। वो कहते हैं कि इस छोटी सी सहायता से इन होनहार युवाओं को काफी ताकत मिलेगी। फीस के बचे हुए पैसे से वो प्रतियोगिता से संबंधित किताबें खरीद कर पढ़ाई कर सकते हैं।

उज्जवल मिश्रा के द्वारा पुलिस भर्ती में युवाओं के आवेदन फीस का खर्च उठाना जनपद में चर्चे का केंद्र बना हुआ है। इस पर शिक्षक व पर्यावरणविद शैलेंद्र कुमार ने कहा कि उज्जवल मिश्रा जी के द्वारा कराया जा रहा कार्य अत्यंत ही सराहनीय और प्रेरणा दायक है। इससे गरीब युवाओं को सहयोग तो मिल ही रहा है साथ ही साथ समाज में संदेश जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति समाज में कुछ करना चाहता है तो उज्जवल मिश्रा के तरह ऐसा काम करे कि इससे युवाओं के साथ ही साथ मऊ का भी विकास हो । युवा समाजसेवी उज्जवल के इस प्रयास से समाज सेवकों के लिए एक नया रास्ता दिखा है कि यदि कुछ करना चाहते हैं तो इस तरह काम करें ताकि वास्तव में समाज के लोगों का भला हो ।

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