**संभल में छुपा बड़ा बीमा फ्रॉड: पुलिस ने किया बड़ा खुलासा**
संभल जिले से एक गंभीर खबर सामने आई है जिसमें चोरियों के सिलसिले में दो युवकों की गिरफ्तारी के दौरान एक बड़ा फ्रॉड मामले का पर्दाफाश हुआ है। ये दोनों युवक स्कॉर्पियो में सवार थे और पुलिस द्वारा गश्त के दौरान पकड़े गए। इनकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि यह गैंग देशभर में बीमार लोगों की बीमा पॉलिसी के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर चुका है। पिछले आठ वर्षों में इस गिरोह ने फर्ज़ी बीमा पॉलिसी बनाकर लगभग 30 करोड़ रुपए हड़प लिए हैं। पुलिस का अनुमान है कि यह फ्रॉड 100 करोड़ रुपए से अधिक का है।
पुलिस विभाग ने इस मामले की जांच को तेज़ कर दिया है और अब तक इस गिरोह के 25 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरोह के सदस्यों में बैंक कर्मी, आधार कार्ड बनाने वाले, इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी और मोबाइल सिम विक्रेता शामिल हैं। इस गिरोह के modus operandi के तहत, ये लोग उन बीमार और गरीब व्यक्तियों को लक्षित करते थे जिनके मरने की संभावनाएँ अधिक होती थीं। पुलिस ने इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर की मदद से विस्तृत तरीके से जांच की, जिसमें पीड़ितों की बातों को भी शामिल किया गया।
अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने बताया कि जनवरी में गुन्नौर थाना क्षेत्र में दो ईको गाड़ियाँ चोरी हुई थीं और इसी के बाद सख्ती से चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान जब स्कॉर्पियो और ईको गाड़ी तेज़ी से भाग निकली, तब ये संदेह बढ़ गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई में स्कॉर्पियो को रोक लिया। गिरफ्तार युवक ओंकारेश्वर मिश्रा और अमित के मोबाइल में अनेकों डॉक्यूमेंट्स और बीमा पॉलिसी से जुड़े फोटोज़ मिले, जिससे गिरोह के बड़े पैमाने पर फ्रॉड का खुलासा हुआ।
पूछताछ में पता चला कि ओंकारेश्वर मिश्रा ने स्वीकार किया कि वे और उनके साथी फर्जी बीमा पॉलिसी बनवाते थे। वो बीमार और अनपढ़ व्यक्तियों से संपर्क करते थे, उन्हें यह बताकर झांसा देते थे कि सरकार उनकी मदद कर सकती है। इसके बाद, ओंकारेश्वर और उसके साथी फर्जी तरीके से आधार कार्ड में बदलाव करते थे और बीमा पॉलिसी बनाते थे। जब वह व्यक्ति मरता था, तो समूह के लोग बीमा क्लेम प्राप्त कर लेते थे। रिपोर्ट के अनुसार, गिरोह ने बीमा कंपनियों से संदेहास्पद पॉलिसी के रूप में लाखों रुपये निकाल लिए हैं, जिनमें अधिकतर मौतें हार्ट अटैक के कारण हुईं थीं।
साथ ही, कई पीड़ितों ने भी अपनी समस्याएँ साझा कीं। मुरादाबाद के सत्यवीर ने बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर बीमा की पूरी राशि हड़प ली गई। इसी तरह अन्य पीड़ितों ने भी बताया कि कैसे उनके नाम पर बिना उनकी जानकारी के बीमा की रकम निकाली गई। इस प्रकार का फ्रॉड सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है। यह मामला न केवल संभल के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि इस प्रकार के गिरोहों ने किस तरह से लोगों को ठगा है। पुलिस की जांच अभी भी जारी है और और भी आरोपियों की धरपकड़ होनी बाकी है।