उत्तर प्रदेश में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंचने की संभावना है, जिसके चलते गर्मी और उमस से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। मौसम विभाग ने 22 अप्रैल को राज्य के 16 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट इस मौसम का पहला है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 5 दिनों के भीतर अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है, और इससे तापमान 47 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। यह स्थिति हीट स्ट्रोक के लिए बहुत अनुकूल होती है, और थोड़ी सी लापरवाही भी गंभीर परिणामों का कारण बन सकती है।

हीट स्ट्रोक सामान्यतः उस स्थिति को दर्शाता है जब बाहरी वातावरण का तापमान इतना बढ़ जाता है कि शरीर अपने आप को ठंडा नहीं रख पाता। इस स्थिति में, शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर चला जाता है। इस स्थिति में पसीना बहाने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे शरीर पर तापमान नियंत्रण का तंत्र पूरी तरह से विफल हो जाता है। हीट स्ट्रोक से उत्पन्न लक्षणों में अत्यधिक गर्मी का अनुभव, उल्टी, चक्कर आना, कमजोरी, और मानसिक स्थिति में बदलाव शामिल हैं।

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किए जा सकते हैं। सबसे पहले, घर को ठंडा रखने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए। AC या कूलर का उपयोग करके कमरे के तापमान को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके अलावा, ऐसे दिनों में ठंडी जगहों की यात्रा करने का भी प्लान बनाना चाहिए, जैसे शॉपिंग मॉल्स या सिनेमा हॉल। गर्मी में खुद को हाइड्रेट रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए अधिक पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें।

गर्मी से बचने के लिए समय का ध्यान रखना भी आवश्यक है। जब भी संभव हो सुबह या शाम के समय फिजिकल एक्टिविटीज करने का प्रयास करें। अगर गर्मियों में बाहरी काम करना पड़े, तो नियमित ब्रेक लें और ठंडी जगहों पर जाएं। इसके अतिरिक्त, नियमित एक्सरसाइज़ और सही खान-पान से अपने शरीर को गर्मी के प्रति अनुकूलित करना भी आवश्यक है।

डायटीशियन के अनुसार, गर्मियों में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है, इसलिए पानी की मात्रा बढ़ानी होगी। वजन के हिसाब से पानी की मात्रा का उचित ध्यान रखें और छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, और विभिन्न फलों का रस का सेवन करें। अगर किसी को हीट स्ट्रोक होता है और उचित समय पर उपचार नहीं मिलता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे अंगों को नुकसान, किडनी फेल्योर, या मस्तिष्क में स्वेलिंग।

हीट स्ट्रोक की स्थिति आपातकालीन होती है, और इसका इलाज समय पर नहीं करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यदि शरीर का तापमान 30 मिनट के भीतर नियंत्रित नहीं होता है, या अन्य लक्षण जैसे बेहोशी और सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न होती है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य और जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।

इस प्रकार, गर्मियों में हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सावधानी बरतना, खुद को हाइड्रेट रखना और समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच करना आवश्यक है।

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