आम आदमी पार्टी भले ही इंडिया गठबंधन में शामिल हो, लेकिन यूपी में उसके चुनाव लड़ने की स्थिति स्पष्ट नहीं है। अभी तक वह न तो सपा कांग्रेस की मीटिंग में दिखी है न ही पार्टी में कोई चुनावी गतिविधि देखने को मिल रही है।

राजनीतिक जानकर बताते हैं कि लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की गतिविधियां काफी तेज हैं।

इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और कांग्रेस ने अपनी अपनी सीटें बांट ली है। लेकिन आम आदमी के हाथ अभी भी खाली हैं।

अभी तक उनकी गठबंधन में लड़ने की कोई चर्चा भी नहीं हो पाई है। ऐसे में आप के कार्यकर्ता असमंजस की स्थित में हैं। जो लड़ने के लिए तैयारी कर रहे थे वो भी खामोशी से बैठे हैं।

आप के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हमारी पार्टी दिल्ली, गुजरात, गोवा और हरियाणा जैसे राज्यों में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है। लेकिन यूपी जैसे बड़े राज्य पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। चुनाव में काफी कम समय बचा है। लेकिन अभी तक स्थित स्पष्ट नहीं है। ऐसे में जो लोग तैयारी कर रहे हैं वो काफी निराश हैं।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि यूपी में इंडिया गठबंधन में सपा-कांग्रेस ने आपस में सीटें बांट ली है। लेकिन अभी तक आम आदमी पार्टी इस गठबंधन में शामिल है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। अभी तक इनकी कोई तैयारी भी नजर नहीं आ रही है।

पार्टी की तरफ से कोई सीट भी घोषित नहीं हुई है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के जेल जाने से यूपी के संगठन में काफी फर्क पड़ा है। उनके जाने के बाद संगठन की सही से देख रेख नहीं हो पा रही है। पार्टी की गतिविधि पूरी तरह से शून्य पर है। ऐसे में कार्यकर्ता शिथिल और निराश हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह कहते हैं कि अभी तक इंडिया गठबंधन के तहत यूपी में कोई सीट नहीं मिली है।

इसका निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। चुनाव लड़ना है या नहीं, यह भी तय नहीं है। इस बारे में 13 मार्च को एक मीटिंग रखी गई है। संजय सिंह के जेल जाने का असर संगठन पर है।

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