ए.के. शर्मा ने कहा कि फिलहाल सरकार और शासन की मंशा यूपी के अंदर बिजली बिल बढ़ाने की नहीं है। कुछ कंपनियों ने वार्षिक तुलना के आधार पर अपनी जो रिपोर्ट दी हैं, उसके आधार पर बिजली बिल की दरें बढ़ाने की चर्चा हो रही है।

नोएडा न्यूज़ : दरअसल, बुधवार को लखनऊ के गोमती नगर इलाके में स्थित एक होटल में विद्युत उपभोक्ता एवं जन प्रतिनिधि संपर्क अभियान आयोजित किया गया। इस दौरान विद्युत आपूर्ति सम्बंधी सेवाएं को बेहतर बनाने पर चर्चा की गई।

ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने कहा कि कंपनियां जो फ्यूल चार्ज के नाम पर बिजली दर बढ़ाने की बात कर रही हैं, यह प्रदेश सरकार का विषय नहीं है। यह UPRC का सब्जेक्ट है। सरकार बिजली बिल की दरें बढ़ाने पर अभी विचार नहीं कर रही।

बता दें कि यूपी में बिजली के 3 करोड़ 28 लाख उपभोक्ता बिजली कंपनियां प्रस्ताव तैयार कर रही हैं। 15 अगस्त से पहले यह प्रस्ताव फाइल करने की बात सामने आ रही है। इसमें नियामक आयोग के सामने कंपनियां बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव बनाएंगी। पावर कॉर्पोरेशन के निर्देशक वाणिज्य ने सभी बिजली कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

बिजली विभाग की तरफ से फ्यूल सरचार्ज लगाने की तैयारी चल रही है। घरेलू, कॉमर्शियल, इंडस्ट्री को लेकर अलग-अलग फ्यूल सरचार्ज लगातार बढ़ाने की तैयारी है। अगर यह पास होता है तो 28 पैसे से लेकर 1.09 रुपए प्रति यूनिट बिजली महंगी हो जाएगी।

वहीं अगस्त के महीने में प्रस्ताव देने के पीछे पावर कॉरपोरेशन के निर्देशक वाणिज्य ने हवाला दिया है कि अक्सर प्रक्रिया में देरी की वजह से बिजली कंपनियों पर अर्थदंड लगाया जाता है। बता दें कि यूपी के अंदर बिजली दर पिछले चार साल से नहीं बढ़ी है। लेकिन बीते 25 जून को बिजली विभाग के कर्मचारियों के यहां मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया था।

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