उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में 100 बिस्तरों वाला क्रिटिकल केयर ब्लॉक और उन्नत प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यूपी सरकार की तारीफ करते हुए यह कहा है कि यूपी के आरोग्य स्वास्थ्य मेले के राज्य मॉडल को देश भर में लागू किया जाएगा। यह एक बेहतरीन शुरुआत है।

अधिकारयों की माने तो अप्रैल 2020 में लॉन्च होने के बाद से स्वास्थ्य मेले ने 12 करोड़ से अधिक लोगों के इलाज की सुविधा प्रदान की है है। सरकार की योजना ई-रुपी को लागू करने और 2025 तक स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का 2.5% तक बढ़ाने की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले को 100 बिस्तरों वाला क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) और नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए उन्नत प्रयोगशाला मिलेगी।

मंत्री ने यूपी की स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्र ने पूरे देश में सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेले के उत्तर प्रदेश (यूपी) मॉडल को दोहराने का फैसला किया है। “यूपी के हर जिले को 100 बिस्तरों वाला क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) मिलेगा और 75 जिलों में जिला स्तर के अस्पतालों में उन्नत लैब बनाई जाएंगी। 515 ब्लॉकों में सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयाँ (पीएचयू) स्थापित की जाएंगी।

दरअसल, प्रदेश भर के प्राथमिक स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार को स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाता है। इन मेलों में ढाई से तीन लाख गरीबों को मुफ्त इलाज मिलता है। यूपी में, सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेला या स्वास्थ्य मेले ने अप्रैल 2020 में लॉन्च होने के बाद से 12 करोड़ से अधिक लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान की है।

बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हम इस मॉडल को पूरे देश में लागू करेंगे। यूपी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में ई-रुपी का उपयोग करने वाली पहली राज्य सरकार है। “हम ई-रुपी योजना को पूरे देश में लागू करेंगे ताकि लाभार्थियों को सीधे पैसा मिले।

 

 

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