उत्तर प्रदेश में लोगों को महंगी बिजली का करंट लगने वाला है। जी हां, बिजली के दाम बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यूपी में बिजली के दाम 28 पैसे से लेकर 1.09 रुपए प्रति यूनिट तक बढ़ाए जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन की ओर से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक उपभोक्ताओं से 1437 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे। कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव को अगर नियामक आयोग मान लेता है तो लोगों को महंगी बिजली का बोझ उठाना पड़ेगा।
वहीं कार्पोरेशन के इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध करते हुए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि हम इसे लागू नहीं होने देंगे। हम इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध करेंगे और किसी भी हालत में इसे लागू नहीं होने देंगे।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत निगम 3122 करोड़ रुपए का सरप्लस पहले ही निकाल रहा है। लिहाजा अगर नए फॉर्मूले को स्वीकार किया जाता है तो इसका बोझ लोगों को पड़ेगा। लिहाजा इस फॉर्मूले को तत्काल खारिज किया जाना चाहिए। कॉर्पोरेशन ने जून 2020 में बने कानून के तहत फॉर्मूले को अभी तक नहीं अपनाया है।
सरचार्ज के बाद बीपीएल परिवारों को 28 पैसे प्रति यूनिट अधिक बिजली का बिल देना पड़ेगा। वहीं सामान्य उपभोक्ताओं को 44 से 56 पैसे प्रति यूनिट, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को 49 से 87 पैसे प्रति यूनिट, किसानों को 19-52 पैसे प्रति यूनिट, भारी उद्योग के लोगों को 54 से 64 पैसे प्रति यूनिट अधिक बिल देना पड़ सकता है।