उत्तर प्रदेश में 11 जुलाई से शुरू हुई ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर एक तरफ शिक्षकों ने जहां मोर्चा खोल दिया है तो वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्नाव बीएसए ने निर्देश दिए हैं कि 3 दिन तक डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न कराने पर विभागीय आदेश की अवेहलना माना जाएगा। ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अगले आदेश तक डिजिटल अटेंडेंस ना दर्ज कराने वाले शिक्षकों का मानदेय और वेतन रोका जाएगा। वहीं, बाराबंकी में डिजिटल अटेंडेंस ना लगाने पर 9 हजार शिक्षकों का 3 दिन का वेतन रोक लिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 11 जुलाई से अनिवार्य रूप से शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया है। जिसके विरोध में शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। 11 जुलाई को यूपी के 132869 बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले 609,282 शिक्षकों में 16015 शिक्षकों ने ही ऑनलाइन हाजिरी दर्ज कराई थी। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं दर्ज कराई थी। सोशल मीडिया पर भी शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी को लेकर मोर्चा खोल दिया है।

आपको बता दें कि प्रदेश भर में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर तीसरे दिन भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा और उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। इसके साथ ही शिक्षकों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन कर 15 जुलाई को हर जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया। इधर, बरेली में दो दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को स्कूल खुले। अभी भी कई स्कूलों में पानी भरा हुआ है और शिक्षक काफी दिक्कत से स्कूल पहुंच रहे हैं। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के नेतृत्व में सभी संगठनों के पदाधिकारी व शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।

 

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