उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के सागरपाली गांव में कच्चे तेल के विशाल भंडार की संभावनाएं सामने आई हैं। इस संभावित खोज के मद्देनजर ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने एक परिवार की 12 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया है। ONGC ने इस क्षेत्र में सर्वेक्षण और खुदाई का कार्य शुरू कर दिया है, और उम्मीद है कि अप्रैल तक खुदाई और बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा।

गंगा बेसिन में तेल का भंडार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे के परिवार की जमीन पर कच्चे तेल का भंडार मिलने की संभावना है। यह खोज गंगा बेसिन में 3 महीने के सर्वेक्षण के बाद हुई, जिसमें 3,000 मीटर की गहराई पर तेल भंडार का पता चला। ONGC ने चित्तू पांडे के परिवार से 3 साल के लिए 6.5 एकड़ जमीन लीज पर ली है, जिसके लिए सालाना 10 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।

खुदाई के 4 स्थान चिन्हित
बताया जा रहा है कि ONGC ने पुख्ता रिपोर्ट मिलने के बाद करीब साढ़े एकड़ जमीन पर खुदाई का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए परीक्षण किया और चार स्थानों को चिन्हित किया जहां कुआं खोदकर कच्चा तेल निकाला जा सकता है। इनमें से एक स्थान बलिया के सागरपाली के पास वैना रत्तू चक है।

खुदाई में हो रहा इतने लीटर पानी का उपयोग
यह स्थान नेशनल हाईवे और सागरपाली गांव के बीच स्थित है। ONGC ने खुदाई शुरू करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली है। यहां तेल का भंडार गहराई में है, जिसके लिए 3,001 मीटर गहरी बोरिंग की जा रही है। इस खुदाई के लिए रोजाना 25,000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि खुदाई का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि अप्रैल अंत तक बोरिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद गंगा बेसिन के अन्य चिन्हित स्थानों पर भी इसी तरह के कुएं खोदे जाएंगे।

भूस्वामी को मिलेंगे 30 लाख रुपए
भूस्वामी और चित्तू पांडे के वंशज नील पांडे ने बताया कि ONGC ने 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें 1 वर्ष का विस्तार भी शामिल है। यदि तेल मिल जाता है, तो ONGC आस-पास की भूमि का अधिग्रहण ऊँची कीमतों पर करेगी, जिससे किसानों को लाभ होगा। इस मामले में जब कंपनी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा कि इस विषय पर केवल दिल्ली में बैठे अधिकारी ही जानकारी दे सकते हैं।

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