मुजफ्फरनगर में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुस्लिमों को राय जाहिर करने के लिए जमीयत उलेमा ए हिंद ने बारकोड जारी किया है। मस्जिदों के बाहर चस्पा बारकोड स्कैन कर मुस्लिम यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपनी राय पेश कर रहे हैं। जमीयत पदाधिकारियों ने यूसीसी को शरीयत के खिलाफ बताया है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने समान नागरिकता कानून का कड़ा विरोध करते हुए शहर की मस्जिदों पर बारकोड चस्पा किए हैं। मस्जिदों में आने वाले नमाजियों से उनके मोबाइल के माध्यम से बारकोड स्कैन कर यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में राय जाहिर करने को कहा गया है। अधिकतर मुस्लिम यूनिफॉर्म सिविल कोड को शरीयत के विरुद्ध मान रहे हैं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश सचिव कारी जाकिर हुसैन ने बताया कि बारकोड के माध्यम से समाज के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बताया कि जगह जगह बारकोड मस्जिद और मदरसों पर लगाया गया है। कहा कि वह इसलिए की जो संविधान विरोधी कानून (यूनिफॉर्म सिविल कोड) सरकार लाने जा रही है, उस कानून को रिजेक्ट कर दिया जाए। यह कानून भारत के संविधान के खिलाफ और देश की एकता और अखंडता को तोड़ने वाला है। हर देश के अंदर अलग-अलग धर्म अलग-अलग समाज के लोग हैं। उनकी धार्मिक मान्यता और धर्म के कानून अलग अलग हैं। उन्होंने बताया कि बारकोड के माध्यम से जमीयत लोगों की राय ले रही है।
मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे कारी दिलनवाज ने कहा कि उन्हें किसी संगठन या उलेमाओं ने ऐसी कोई चीज नहीं कही है कि आप सरकार या इस कानून का विरोध करें। बल्कि यह कहा गया है कि आप जो नया कानून केंद्र सरकार बनाने जा रही है, उस पर अपनी राय दें।