यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मचा बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। समान नागरिक संहिता को लेकर पक्ष और विपक्ष दो खेमे में बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी और उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट ने जहां इसका समर्थन किया है।
मेघालय में मुख्यमंत्री और बीजेपी की सहयोगी पार्टी एनपीपी के अध्यक्ष कॉनराड के. संगमा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया है।
नेशनल पीपुल्स पार्टी सुप्रीमो ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विविधता भारत की ताकत है और उनकी पार्टी को लगता है कि यूसीसी अपने मौजूदा स्वरूप में इस विचार के खिलाफ जाएगी।
संगमा ने कहा कि पूर्वोत्तर को एक अनूठी संस्कृति और समाज मिला है और वह ऐसा ही रहना चाहेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मेघालय एक मातृसत्तात्मक समाज हैं, यही हमारी ताकत रही है और यही हमारी संस्कृति रही है। हम नहीं चाहेंगे कि इसे बदला जाए।
हालांकि, एनपीपी प्रमुख ने कहा कि यूसीसी ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री देखे बिना इसके बारे में और कुछ भी कहना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, “बेशक, हम नहीं जानते कि अगर बिल आएगा तो किस तरह का होगा। इसलिए, ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री देखे बिना इसके विवरण में जाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि, एनपीपी को लगता है कि यूसीसी भारत के एक विविध राष्ट्र होने के विचार के खिलाफ जाएगा, जिसमें विविधता हमारी ताकत और पहचान है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पैनल 3 जुलाई को अपनी बैठक में यूसीसी के मुद्दे पर सभी हितधारकों के विचार मांगेगा। समिति की बैठक गैर-राजनीतिक है क्योंकि पैनल में सभी राजनीतिक दलों के सदस्य हैं।
एनपीपी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस की सहयोगी है। यह सत्तारूढ़ गठबंधन मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस का नेतृत्व करता है। दो विधायकों के साथ बीजेपी एमडीए सरकार में भागीदार है। एनपीपी का मेघालय के अलावा मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में मजबूत राजनीतिक जनाधार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में बीजेपी के ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में यूसीसी को लेकर कहा था कि वोट बैंक के भूखे लोग हैं जो तीन तलाक की वकालत करते हैं। भारत के मुसलमान भाई-बहनों को ये समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल हैं जो उन्हें भड़काकर उनका फायदा उठाना चाहते हैं। कुछ लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर मुस्लिम भाई-बहनों को भड़का रहे हैं क्या एक ही परिवार में दो तरह के नियम चलते हैं?