भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी आरपीआई के चीफ और केंद्र में मंत्री रामदास अटावले ने मुसलमानों से अपील की है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध न करें, क्योंकि यह कोड उनके फायदे के लिए है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अठावले ने रविवार को पुडुचेरी में संवाददाताओं से कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। गौरतलब है कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में जबसे यूसीसी की अहमियत पर जोर दिया है, यह देश मे बहुत बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है।
अठावले ने कहा है, ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड मुस्लिम समुदाय के विरोध में नहीं है और इसलिए मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि इसका विरोध न करें। यूसीसी के माध्यम से मुसलमान और हिंदू एक साथ आएंगे।’ उन्होंने जोर देकर कहा है कि एनडीए अल्पसंख्यक समुदाय का विरोधी नहीं है।
गौरतलब है कि 22वें विधि आयोग ने यूसीसी के प्रस्ताव पर लोगों से राय जुटाने की डेडलाइन को 28 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने जो योजनाएं लागू की हैं, वह गरीबों की स्थिति में सुधार लाने में मददगार साबित हुई हैं। अठावले की पार्टी एनडीए की एक पुरानी सहयोगी है।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत अभियान जैसी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि बड़ी तादाद में लोगों को इनका लाभ मिल रहा है। अठावले ने कहा कि ‘नरेंद्र मोदी सिर्फ भारत के ही नहीं, इसको लेकर दिखाए गए एक सर्वे के मुताबिक पूरी दुनिया के लोकप्रिय नेता हैं। मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भी प्रधानमंत्री बनेंगे और एनडीए को 325 से 350 सीटें मिलेंगी।’
उन्होंने यह भी बताया है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को कोटा देने से ओबीसी या अनुसूचित जातियों को मिलने वाले आरक्षण के लाभ में कोई कटौती नहीं होगी। इस मौके पर उन्होंने विपक्षी दलों की ओर से अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं को पीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करने पर कहा कि, ‘विपक्ष की ओर से हर पार्टी अपने-अपने दल के नेताओं को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रही है। जबकि, एनडीए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मोदी को मजबूती से पेश कर रहा है।’