स्वराज वाहिनी ने उठाई अटाला मस्जिद के विवादित स्थल की वीडियोग्राफी कराने की मांग
जौनपुर 18 अप्रैल (हि.स.)। जिले की अटाला मस्जिद (अटला देवी मंदिर) विवाद में नया मोड़ आया है। स्वराज वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है। सिविल जज की अदालत ने जुलाई 2024 में इस स्थल की पैमाइश का आदेश दिया था। लेकिन जब टीम मौके पर पहुंची, तो प्रतिपक्षी ने परिसर का ताला बंद कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत सर्वे पर रोक लगा दी।
स्वराज वाहिनी ने वक्फ अटाला मस्जिद कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कमेटी मंदिर के प्रारूप को मिटाने और अवशेषों को नुकसान पहुंचाने में लगी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने एएसआई को पत्र लिखा था। स्वराज वाहिनी ने मांग की, कि विवादित स्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाए। उनका कहना है कि वर्तमान में विवादित स्थल विपक्षी के कब्जे में है। अगर विपक्षी को रोका नहीं गया, तो स्थलीय सर्वे से पहले ही वहां का स्वरूप बदल दिया जाएगा। संगठन ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले में अटाला मस्जिद विवाद में वादी संतोष कुमार मिश्रा (हिन्दू पक्ष) ने बताया कि एएसआई सर्वे के लिए डीएम डॉ दिनेश चंद्र को प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें बताया गया है कि अटाला मस्जिद के अंदर की आकृतियों व उसकी संरचना से छेड़छाड़ की जा रही है, इसलिए उसकी वीडियो ग्राफी करवाकर उसे सुरक्षित रखे जाने की मांग की है। उन्हाेंने कहा कि अगर हमारे प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया गया तो हिन्दू पक्ष हाइकोर्ट की शरण में जाएगा।
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