आज 14 अक्टूबर 2023 को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने वाला है। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना मानी जाती है, लेकिन हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव ग्रह,नक्षत्र और सभी राशियों पर देखने को मिलता है। सूर्यग्रहण ब्रह्मांड का एक विशेष घटनाक्रम है। सूर्यग्रहण की दृश्यता के अनुसार ही सूतक काल को निर्धारित किया जाता है। वहीं यदि भारत में ग्रहण नजर आता है तो यहां का सूतक काल मान्य होता है, इसके अलावा यदि ग्रहण नजर नहीं आ रहा है तो सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है, तब सूर्य ग्रहण पड़ता है। भौतिक विज्ञान की दृष्टि से स्पष्ट रूप से समझें तो, जब सूर्य व पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है, तब चंद्रमा के पीछे सूर्य का अंश कुछ समय के लिए छुप जाता है, जिस कारण सूर्यग्रहण की स्थिति परिलक्षित होती है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का समय, कहां -कहां दिखेगा, प्रभाव आदि के बारे में।

सूर्य ग्रहण का समय क्या है ?
साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज यानी कि 14 अक्तूबर 2023 को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 14 अक्तूबर 2023 को रात के 08 बजकर 34 मिनट से आरंभ हो होगा और मध्य रात्रि को 02 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा। माना जा रहा है कि सूर्य ग्रहण के समय सूर्य एक अंगूठी के आकार का दिखाई देगा।

कहां – कहां दिखागा सूर्य ग्रहण?  
आज लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि सूर्य ग्रहण रात में लगेगा जिस कारण भारत में नहीं दिखाई देगा। कनाडा, उत्तरी अमेरिका, अर्जेटीना, मैक्सिकों, पेरू, कोलांबिया, क्यूबा और ब्राजील, अफ्रीका का किनारा, अटलांटिक और प्रशांत महासागर  में यह सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।

भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं ? 
वैसे तो सूर्य ग्रहण के लगने से पहले ही सूतक काल मान्य होता है, लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।

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