सावरकर के नाम से संबंधित याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर का अपमान रोकने और राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम में उनके नाम को संरक्षित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है। 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान पर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ़ किसी को बोलने की इजाजत नहीं दे सकते हैं।
याचिका पंकज फड़नीस ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सावरकर के खिलाफ बयान देकर अपने मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी सावरकर के बारे में हमेशा गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक बातें बोलते रहते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं। रिट याचिकाएं केवल तभी दायर की जाती हैं जब मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान पर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ़ किसी को अनाप-शनाप बोलने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने हमें आजादी दिलाई और हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आगे से ऐसा कोई बयान देते हैं तो हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार /संजय
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