सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने भारतीय वायुसेना के Su-30MKI फाइटर जेट के लिए 240 AL-31FP एयरो-इंजन खरीदने की मंजूरी दे दी है। ये इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 26,000 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा की कीमत पर खरीदे जाएंगे।

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है, कि ये इंजन “खरीदें (भारतीय)” कैटोगिरी में आते हैं।

इन एयरो-इंजनों की डिलीवरी एक साल बाद शुरू होगी और यह आठ साल में सभी इंजनों की डिलीवरी कर दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा है, कि “सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 2 सितंबर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीद (भारतीय) कैटोगिरी के तहत भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30MKI विमानों के लिए 240 एयरो-इंजन (AL-31FP) की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसकी लागत सभी टैक्स और शुल्कों सहित 26,000 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा है।”

Su-30MKI भारतीय वायुसेना के सबसे दुर्जेय और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों में से एक है। HAL की तरफ से इंजनों की लगातार आपूर्ति से इस फाइटर जेट का ऑपरेशन बिना किसी बाधा के जारी रहेगा और भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती मिलेगी। AL-31FP इंजन में 54 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी कंपोनेंट्स होंगे, और इसका उत्पादन HAL के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा।

आपको बता दें, कि भारत 270 से ज्यादा सुखोई-30 विमानों को ऑपरेट करता है और इन विमानों ने भारत की सुरक्षा में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Su-30MKI का भारतीय वेरिएंट- एक दुर्जेय मल्टी-रोल, हवाई श्रेष्ठता विमान है, जो डबल इंजन से संचालित है। भारतीय वायु सेना की अलग अलग जरूरतों को देखते हुए ही इसे डिजाइन किया गया है और यह दो-सीटर विमान एक साथ कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम है, जिसमें एक इंटरसेप्टर, बॉम्बर और ट्रेनर की भूमिकाएं शामिल हैं।

Su-30MKI जेट को दो शक्तिशाली आफ्टर-बर्निंग टर्बोफैन ल्युलका AL-31FP इंजन से संचालित किया जाता है, जो इसे चुस्त और मजबूत बनाता है। 14.7 मीटर के पंखों के साथ, Su-30 वास्तव में एक बड़ा विमान है, जो इसकी बहुमुखी प्रतिभा और ताकत को दर्शाता है। Su-30 के भारतीय संस्करण में IAF की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई संशोधन किए गए हैं।

अगर हम अमेरिका के लेटेस्ट F-15 Eagle से सुखोई-30MKI की तुलना करते हैं, तो सुखोई मुकाबले में थोड़ा ही पीछे रहता है। F-15 ईगल की मैक्सिमम स्पीड Su-30 MKI की तुलन में थोड़ा ज्यादा है। जहां Su-30 MKI मैक 2 तक की स्पीड हासिल कर सकता है, वहीं F-15 ईगल मैक 2.5 से थोड़ा ज्यादा स्पीड हासिल करने में काबिल है। इसके अलावा, F-15 की मैक्सिमम ऑपरेट सीमा 3,900 किलोमीटर है, जबकि Su-30 की 3,000 किलोमीटर है।

दोनों विमानों में 12 हार्डपॉइंट हैं, जिससे वे कई तरह के हथियार एक साथ ले जा सकते हैं। F-15 ईगल को आठ रेथियॉन AMRAAM रडार-गाइडेड, मध्यम-दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, चार रेथियॉन AIM-7F/M रडार-गाइडेड स्पैरो मिसाइलों या चार लॉकहीड मार्टिन/रेथियॉन AIM-9LM इंफ्रारेड-गाइडेड साइडविंडर मिसाइलों से लैस किया जा सकता है।

जबकि, Su-30 MKI में विविध मिसाइल शस्त्रागार है, जिसमें Kh-29L/T/TYe, Kh-31A/P, Kh-59M और निर्भय मिसाइल शामिल हैं।

भारतीय वायु सेना का Su-30 बेड़ा ब्रह्मोस एयर-लॉन्च सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को लॉन्च करने में भी सक्षम है। इसके अलावा, Su-30 MKI रॉकेट पॉड, KAB-500 और KAB-1500 लेजर-गाइडेड बम के साथ-साथ हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, जैसे कि Vympel R-27R, R-73 और R-77 भी ये ले जा सकता है।

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