मेरठ में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने 20 जनवरी 2025 को एक बड़ी मुठभेड़ के दौरान अपनी जान गंवा दी। यह मुठभेड़ शामली जिले में कग्गा गैंग के चार notorious अपराधियों के खिलाफ हुई। इस मामले में डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को शहीद सुनील कुमार के परिवार को 1.80 करोड़ का चेक देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इंस्पेक्टर सुनील कुमार को इस मुठभेड़ के दौरान पेट में दो गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। 36 घंटे तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद, उन्होंने अंतिम सांस ली।
साल 1990 में यूपी पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती होने के बाद, सुनील कुमार को 1997 में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का हिस्सा बनने का अवसर मिला। उन्होंने मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया और 2009 में STF में शामिल हुए। एक कुशल अधिकारी के रूप में, उन्होंने कई महत्वपूर्ण एनकाउंटर किए हैं। विशेषकर, उन्होंने 2008 में 5 लाख के इनामी अपराधी अंबिका पटेल को और 50 हजार के इनामी उमर केवट को मार गिराया। इसके अलावा, उन्होंने 2012-13 में कई इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया और अपार सफलता हासिल की।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार का व्यक्तिगत जीवन भी उनकी वीरता का गवाह है। वे मेरठ के इंचौली क्षेत्र के मसूरी गांव के निवासी थे। उनका परिवार संघर्ष कर रहा है, जिसमें उनकी 80 वर्षीय माता, पत्नी मुनेश, बेटा मंजीत उर्फ मोनू, और बेटी नेहा निहित हैं। उनका पोता अभी केवल 6 महीने का है। जबकि उनके बड़े भाई अनिल परिवार की खेती के कार्यों में लगे हुए हैं। सुनील कुमार के पिता का निधन होने के बाद परिवार ने उनके बलिदान को कभी नहीं भूला।
20 जनवरी की मुठभेड़ के संदर्भ में, एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। उसी अनुसार, इंस्पेक्टर सुनील अपनी टीम के साथ चौसाना रोड पर घेराबंदी के लिए पहुंचे। जब सफेद रंग की ब्रेजा कार पुलिस के इशारे पर रुकने के बजाय भागने लगी, तो मुठभेड़ का आगाज हुआ। इस मुठभेड़ में चारों बदमाश मारे गए, जिनमें सहारनपुर का अरशद और हरियाणा के मंजीत उर्फ ढिल्ला शामिल थे। यह मुठभेड़ साबित करती है कि सुनील कुमार ने न केवल अपनी जान की परवाह किए बिना ड्यूटी की बल्कि अपने काम के प्रति उनके समर्पण का भी परिचय दिया।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार की सेवाओं का योगदान न केवल उनकी टीम के लिए, बल्कि समस्त पुलिस बल और समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने कारनामों के माध्यम से सुरक्षा और न्याय की सेवा की, जो उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके बलिदान को सम्मान देने के लिए प्रदेश के अधिकारी और जनता मिलकर श्रद्धांजलि प्रस्तुत कर रहे हैं। सुनील कुमार अमिट स्थायी छाप छोड़ गए हैं, जो उनकी बहादुरी और व्यक्तित्व की याद दिलाता रहेगा।