प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल शनिवार रात साढ़े दस बजे हत्या कर दी गई। 3 हमलावरों ने दोनों भाई को मौत के घाट उतार दिया। अतीक-अशरफ को गोली से छलनी करने के बाद आरोपी दोनों हाथ खड़े करके खुद को सरेंडर कर दिया।
अब इस मर्डर केस को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। माफिया ब्रदर्स हत्याकांड में सोमवार को STF ने बड़ा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि जिस पिस्टल से अतीक पर 8 और अशरफ पर 5 गोलियां बरसाई गई, उसका इंतजाम D-2 गैंग के सदस्य रहे बाबर ने किया था।
STF के अनुसार, जिस पिस्टल से अतीक और अशरफ की हत्या की गई थी उसे बाबर ने उपलब्ध कराई थी। घटना के दौरान बाबर की लोकेशन कानपुर में मिली है। बता दें, बाबर के खिलाफ कानपुर के कई थानों में रंगदारी, हत्या और हत्या के प्रयास समेत दर्जनों गंभीर अपराधों की FIR दर्ज हैं।
खबरों के अनुसार, पुलिस रिकार्ड से D-2 गैंग का वजूद साल 2010 में समाप्त हो गया था, क्योंकि 19 जनवरी 2010 को इस गिरोह को IS-273 दर्जा दे दिया गया था। इससे पहले कानपुर के तत्कालीन SSP ने गिरोह को लेकर एक रिपोर्ट ADG कानून व्यवस्था को भेजी थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरोह का गैंग लीडर तौफीक उर्फ बिल्लू था, जिसे साल 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था। जिसके बाद गैंग की बागडोर उसके भाई रफीक के हाथ में आ गई। साल 2005 में रफीक गिरफ्तार हुआ। इस दौरान पुलिस कस्टडी में ही परवेज गैंग ने उसे मारवा दिया था, लेकिन गिरोह के बचे कुछ लोग इस गैंग को चला रहे हैं।