एसएसपी करें जांच की निगरानी, हर पखवाड़े कोर्ट में दें रिपोर्टः हाई कोर्ट
– दुष्कर्म मामले में एससी, एसटी एक्ट को जोड़ा, डीएसपी करेंगे जांच
नैनीताल, 6 मई (हि.स.)। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उस्मान के मामले में एसएसपी से जांच की निगरानी स्वयं करने एवं प्रत्येक 15 दिन में प्रगति से कोर्ट को अवगत कराने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी। पीड़ित पक्ष की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर अधिवक्ता शिव भट्ट ने मामले में पॉक्सो प्रावधान के तहत अभियुक्त के परिवार जनों को भी आरोपित बनाने और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। नैनीताल में नाबालिग से दुष्कर्म मामले की सुनवाई के दौरान नगर पालिका ने कहा कि उन्होंने उस्मान सहित 62 अन्य लोगों को जारी नोटिस निरस्त कर दिए हैं। हुस्न बानो की ओर से सुरक्षा दिए जाने की मांग और नोटिस का जवाब देने को तीन माह तक समय देने की मांग पर कोर्ट ने कहा कि नोटिस वापस ले लिए जाने के बाद अब इसकी उपयोगिता नहीं है। वर्चुअल माध्यम से उपस्थित एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की ओर से बताया गया कि पीड़ित की जाति के क्रम में आरोपित पर एससी, एसटी एक्ट भी लगा दिया गया है और इसके अनुरूप मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी।मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार, नैनीताल में बीती 30 अप्रैल को मल्लीताल कोतवाली में नाबालिग से दुष्कर्म का एक मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें दुष्कर्म की घटना को 12 अप्रैल का बताते हुए नाबालिग किशोरी ने 73 वर्षीय मो. उस्मान को आरोपित बताया था। पुलिस ने तत्काल आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था।
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