बहादुरगढ़। देवभूमि कसार स्थित श्री गायत्री शक्ति पीठ में चल रहे श्री राम कथा एवं श्री शतचंडी महायज्ञ के पांचवे दिन पंडित रामकृष्ण द्विवेदी जी द्वारा श्री शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान की शुरुआत विप्र पूजन से करायी गई। पूजन में मुख्य यजमान विनय मुदगल एडवोकेट,रजनीश मुदगल एडवोकेट शमिल रहे। पांचवे दिन पंडाल में पंहुचे कथा व्यास श्री बलदाऊ जी महाराज का गांव की तरफ से दादा चेतराम,प्रेमचंद मुदगल,धारा सिंह व कैप्टन इंद्र सिंह ने पगड़ी बांध कर स्वागत किया। कथा के प्रारम्भ में श्री गायत्री शक्ति पीठाधीश्वर आचार्य श्री हुकुमचंद मुदगल जी ने पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं को भगवान श्री राम के आदर्शो पर चलने की बात कहते हुए कहा कि रामायण हमे मानवता सिखाती है,राम कथा हमारे जीवन को आसान बनती है और रिश्तो के महत्व को समझती है। आचार्य श्री ने सभी से भगवान राम के आदर्शो का पालन करते हुए अपने रिश्तो और परिवार को महत्व देने का आह्वान किया।
कथा के पांचवे दिन कथा व्यास श्री बलदाउ जी महाराज ने माता सीता का स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद, राम-जानकी विवाह का सुन्दर वर्णन किया। जिसमे उन्होंने कहा कि जब गुरु विश्वामित्र के साथ श्री राम और लक्ष्मण जनकपुर पहुंचते हैं। अगले दिन माता सीता के स्वयंवर में शिव धनुष उठाने के लिए दूर-दूर से राजा महाराजा आते हैं, जो उस धनुष को हिला तक नहीं पाते। इसके बाद गुरु विश्वामित्र राम को आदेश देते हैं कि वह उस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाए। इसके बाद जैसे ही भगवान राम धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने लगते हैं, वह धनुष खंडित हो जाता है। धनुष खंडित होने की ध्वनि सुनकर भगवान परशुराम गरजते हुए महल में पहुंचते हैं और वहां लक्ष्मण जी से तीखे शब्दों में संवाद होता है। बाद में परशुराम जी को प्रभु की लीला पता चलती है तो वे वापस चले जाते हैं। इसके बाद भगवान राम और सीता के विवाह की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। और भगवान श्री राम व जानकी जी के विवाह के साथ ही लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघन जी का विवाह भी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। विवाह की धूम से पूरा पंडाल खुशियों से झूम उठा, मिठाइयां बाटी गई, पंडाल में मौजूद भक्तजनो ने भजनो में नृत्य किया। सोमवार को श्री रामकथा में सैंकड़ो श्रद्धालुओं ने श्री राम कथा ज्ञान गंगा में डुबकी लगाई जिसमे मुख्य रूप नगर परिषद बहादुरगढ़ के वाइस चेरमन राजपाल शर्मा,पाले राम जी, शिक्षाविद परवीन शर्मा जी अध्यक्ष लखमीचंद धर्मशाला शामिल रहे। मंच संचालन पूर्व सरपंच एवं श्री गायत्री शक्ति पीठ के व्यवस्थापक राहुल देव मुदगल ने किया।