श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन आचार्य श्री ने किया सुदामा चरित्र का भावपूर्ण वर्णन
– समापन दिवस पर हज़ारो भक्तो ने किया कथा का अमृत पान
बहादुरगढ़। देव भूमि कसार मे श्री गायत्री शक्ति पीठ मे गत सात दिनों से चल रही श्री मद भागवत कथा की ज्ञानवर्षा के विराम दिवस पर कथा व्यास आचार्य श्री बलदाऊ त्रिपाठी जी महाराज ने अपने श्री मुख से सुदामा चरित्र का भावपूर्ण वर्णन किया।
कथा का शुभारम्भ गांव की और से आचार्य श्री को पगड़ी बाँध कर व्यास पीठ पर विराजित कराकर किया गया।
कथा से पूर्व मंच का संचालन कर रहे आचार्य राजनीश मुदगल एव राहुल देव मुदगल ने देव भूमि कसार से जुड़े इतिहास का वर्णन करते हुए बाबा मोहन जी राव व बाबा सोहन जी राव के शौर्य गाथा का जिक्र भी किया।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर व भोपाल तथा उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर एवं गाज़ियाबाद से आये भागवत भक्तो समेत बड़ी संख्या मे मौजूद श्रद्धालुओ की मौजूदगी मे कथा व्यास आचार्य श्री बलदाऊ जी त्रिपाठी महाराज ने संगीत मय श्रीमद भगवत कथा का भावपूर्ण वर्णन किया।
कथा व्यास ने श्रीमद भागवत कथा को ज्ञान गंगा के रूप मे वर्णित करते हुए कहा की यह मानव जीवन को तारने के साथ ही पित्रों को तारने वाली गंगा है। जीवन को तारना है तो भागवत सुनने की आदत होनी चाहिए।
भागवत कथा के सातवें दिन उद्धव संवाद सुनाते हुए गोपियों के उल्हाने व कृष्ण के लिए वियोग का मार्मिक वर्णन किया गया। इस प्रसंग को सुन पंडाल मे मौजूद भक्त भाव विभोर हो उठे।
सुदामा चरित्र के प्रसंग का भावपूर्ण व्याख्यान करते हुए आचार्य श्री ने पंडाल मे मौजूद श्रद्धालुओ को भाव विभोर कर दिया। प्रसंग के दौरान सुदामा और भगवान कृष्ण की झांकी ने सभी भक्तो की अश्रुओ को जलमग्न कर दिया। इस दौरान अरे द्वार पालो कन्हैया से कह दो कि दर पे सुदामा गरीब आ गया है सुन श्रद्धालु भक्ति रस मे मग्न दिखे।
कथा के दौरान श्री गायत्री शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य पंडित हुकुम चंद मुदगल व माँ गायत्री की परम साधिका श्रीमती शकुंतला देवी मुदगल के आलावा मुदगल चेतना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सत्य प्रकाश मुदगल, तुलसीराम मुदगल, घनश्याम मुदगल, जितेंदर शम्मी मुदगल, राहुल देव मुदगल, सुधीर मुदगल, विनय मुदगल , राजनीश मुदगल, अनुज मुदगल,वैभव मुदगल, देवांग मुदगल, उत्कर्ष मुदगल सहित हज़ारों की संख्या मे श्रद्धालुओ ने श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान वर्षा का अमृत पान किया।