श्रीलंकाई नौसेना ने उच्च स्तरीय बैठकों और चर्चाओं के बावजूद पिछले एक साल में तमिलनाडु के कम से कम 94 मछुआरों को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जबकि, 14 मशीनीकृत नौकाओं को भी जब्त किया है।
श्रीलंकाई नौसेना ने बीते रविवार को नागापट्टिनम के अक्करैपट्टी गांव के 10 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मछुआरे 3 अगस्त को समुद्र में उतरे थे। नौसेना ने उनकी मशीनीकृत नाव भी जब्त कर ली।
लगातार हो रही गिरफ्तारियों पर नागापट्टिनम के मछुआरों के नेता आर. सेल्वाकुमार ने आईएएनएस को बताया कि हम इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों, विपक्ष और केंद्र सरकार के दरवाजे खटखटा रहे हैं। हमारे 19 लोग दो अलग-अलग घटनाओं में श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत में हैं और अब हम इसे हल्के मुद्दे के रूप में नहीं छोड़ सकते।
हम चाहते हैं कि भारत सरकार तुरंत कार्रवाई करे और स्थायी समाधान निकाले। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सभी तटीय इलाकों के मछुआरे जल्द ही नागापट्टिनम में बड़े पैमाने पर विरोध मार्च निकालेंगे।
रामनाथपुरम के एक अन्य मछुआरे थॉमस एंटनी ने आईएएनएस को बताया कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हमें परेशान किया गया है और अब समय आ गया है कि भारत सरकार की ओर से श्रीलंकाई लोगों को कड़ी चेतावनी दी जाए।
उन्होंने हमारी नावें जब्त कर ली हैं और ये महंगी नावें उनकी कस्टडी में जंग खा रही हैं। हम अब पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं क्योंकि इन नावों के लिए लिया गया ऋण चुकाया नहीं जा सका है। श्रीलंकाई लोगों की धमकी के बाद समुद्र में जाने के डर से हम पहले से ही गहरे संकट में हैं। तमिलनाडु के सभी तटीय शहरों के मछुआरे श्रीलंकाई नौसेना की मनमानी के खिलाफ एकजुट हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर नागापट्टिनम के 10 मछुआरों की रिहाई में तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु के मछुआरा समूह इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।