परिषदीय स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाएगी योगी सरकार

10 दिवसीय तैयारी शिविर विद्यार्थियों को बनाएगा सम्बन्धित खेल में माहिर

सरकार ने 1.34 लाख से अधिक स्कूलों के लिए ₹134 करोड़ का बजट आवंटित किया

लखनऊ, 02 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार अब प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाने जा रही है। सत्र 2025-26 के लिए सरकार ने 1.34 लाख से अधिक स्कूलों के लिए ₹134 करोड़ का बड़ा बजट आवंटित किया है। इससे स्कूलों में खेल से जुड़ी गति​विधियां शुरू की जायेंगी।

प्रदेश से निकलेंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ीयोगी सरकार की यह पहल परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को खेलों के क्षेत्र में न केवल प्रदेश का बल्कि देश का गौरव बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी। अब उत्तर प्रदेश के स्कूलों से निकलने वाले बच्चे कक्षा की पढ़ाई के साथ खेल मैदान में भी अपनी मेहनत और प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। सरकार के इस कदम को ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें उचित मंच प्रदान करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलकर देश का नाम रोशन करेंगे।

₹134 करोड़ का बजट है आवंटित

योगी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय विद्यालयों में प्रयास शुरू किया है। सरकार ने सत्र 2025-26 के लिए लगभग 1.34 लाख से अधिक स्कूलों के लिए ₹134 करोड़ का बड़ा बजट आवंटित किया है। यह राशि खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने, नए उपकरण खरीदने और विद्यार्थियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएँ उपलब्ध कराने में खर्च की जाएगी।

10 दिवसीय तैयारी शिविर बनाएगा सम्बन्धित खेल में माहिर

राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए अंडर 14, अंडर 17 और अंडर 19 आयु वर्ग में चयनित बालक-बालिकाओं को राष्ट्र स्तरीय खेल स्पर्धाओं के पूर्व चरणबद्ध तरीके से 10 दिवसीय तैयारी शिविर में भेजेगी। यह शिविर बच्चों को एक-दूसरे को जानने, समझने, आपस में टीम भावना विकसित करने और खेल की भूमिका और स्थिति को समझने का अवसर प्रदान करेगा। यह शिविर खिलाड़ियों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार करने एवं आगामी राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सहायक होगा।

शारीरिक-खेल शिक्षक करेंगे प्रशिक्षित

चयनित खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों में दक्ष बनाने के लिए योगी सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 100 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक खेल अनुदेशक एवं ब्लॉक और जिला स्तर पर शारीरिक खेल शिक्षकों को पहले से ही नियुक्त कर रखा है। यह सभी शारीरिक खेल अनुदेशक एवं ब्लॉक और जिला स्तरीय शारीरिक खेल शिक्षक राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं हेतु चयनित बच्चों को शारीरिक शिक्षा और खेलों में प्रोत्साहन देने तथा खेलों में निपुण करने का कार्य करेंगे।

एक केजीबीवी-एक खेल योजना के तहत बालिकाओं को मिल रहा मौका

प्रदेश के 73 जनपदों में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में से 145 विद्यालयों में ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना पहले से ही लागू की गई है। इस योजना के तहत एसजीएफआई के प्रावधानों के अनुसार 19 खेलों का चयन किया गया है और प्रत्येक विद्यालय में एक प्रमुख खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है। बालिकाएं अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार उस खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास कर रही हैं।

ओपन जिम से फिटनेस पर फोकस

सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए ओपन जिम उपकरणों की स्थापना की जा रही है ताकि बालिकाएं शारीरिक रूप से मजबूत बनें और प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने जारी बयान में कहा कि “यह योजना केवल बच्चों को खेलों में प्रशिक्षित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी सुनिश्चित करना है। खेल बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन, टीम भावना और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं। इसके माध्यम से बच्चों को जीवन में सफलता पाने के लिए महत्वपूर्ण गुण मिलते हैं।”

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