राज्‍य के अपराध जांच विभाग के अधिकारियों ने कौशल विकास घोटाले के सिलसिले में पूर्व मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से रविवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ की।

सीआईडी अधिकारी नायडू से राजमुंदरी सेंट्रल जेल में पूछताछ कर रहे हैं, जहां वह फिलहाल बंद हैं।

उनके मुख्‍यमंत्री रहते हुये कथित घोटाले के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश में 12 सीआईडी अधिकारियों की एक टीम नायडू से सवाल कर रही है।

दूसरे दिन की पूछताछ शुरू होने से पहले नायडू की मेडिकल जांच की गई।

कॉन्फ्रेंस हॉल में नायडू के वकील डी. श्रीनिवास की मौजूदगी में पूछताछ चल रही है।

विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट ने शुक्रवार को सीआईडी को नायडू की दो दिन की हिरासत दी थी।

सीआईडी को नायडू के वकील की मौजूदगी में सुबह 9:30 बजे से शाम पांच बजे तक पूछताछ की अनुमति दी गई है। इसमें एक घंटे का लंच ब्रेक शामिल है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पूछताछ की तस्वीरें और वीडियो जारी नहीं किए जाएं।

पहले दिन शनविार को नायडू से करीब छह घंटे तक पूछताछ हुई थी। इससे पहले और बाद में उनकी मेडिकल जांच की गई।

सीआईडी ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख की पांच दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने केवल दो दिन की हिरासत की अनुमति दी।

न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि दो दिन की हिरासत खत्म होने के बाद नायडू को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया जाए।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और उनकी न्यायिक हिरासत को रद्द करने की नायडू की याचिका खारिज कर दी थी।

एसीबी कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी न्यायिक हिरासत 24 सितंबर तक बढ़ा दी थी।

नायडू को इस मामले में सीआईडी ने 9 सितंबर को नंद्याल में गिरफ्तार किया था। अगले दिन, विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

यह मामला आंध्र प्रदेश में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3,300 करोड़ रुपये है। उस समय नायडू राज्य के मुख्यमंत्री थे।

सीआईडी ने दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 371 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी ने दावा किया कि 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि, जो परियोजना के लिए सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है, निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले जारी की गई थी।

सीआईडी के अनुसार, सरकार द्वारा अग्रिम के रूप में जारी की गई अधिकांश धनराशि फर्जी चालान के माध्यम से शेल कंपनियों को भेज दी गई, चालान में उल्लिखित वस्तुओं की कोई वास्तविक डिलीवरी या बिक्री नहीं हुई।

सीआईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि छह कौशल विकास समूहों पर निजी संस्थाओं द्वारा खर्च की गई कुल राशि विशेष रूप से राज्य सरकार और आंध्र प्रदेश कौशल विकास केंद्र द्वारा दी गई धनराशि से प्राप्त की गई थी, जो कुल 371 करोड़ रुपये थी।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights