हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी(SIT) ने शुक्रवार को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी दी। इसमें 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।

एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की अगुवाई में मामले की जांच चल रही है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने समिति भी गठित की थी। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी में शामिल किया गया। शासन की ओर से इन्हें 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

वैसे शासन की ओर से बुधवार तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सीएम योगी के घटनास्थल पर जाने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने की वजह से निर्धारित समय अवधि तक जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी। इसके बाद, अधिकारियों ने शासन से अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन दिनों का अतिरिक्त समय मांगा।

यही नहीं, मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसबल सहित और अन्य अधिकारियों को भी तैनात किया गया, ताकि स्थिति पर पैनी निगाह बनाई जा सके। अब जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शासन की ओर से आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाया जाता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा साकार हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वैसे प्रशासन की ओर से 80 हजार लोगों को मंजूरी मिली थी, लेकिन कार्यक्रम में ढाई लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हो गए। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब लोगों के बाहर जाने का वक्त आया तो भगदड़ मच गई। अब तक भगदड़ के असल कारण सामने नहीं आ सके हैं। सभी अपनी थ्योरी अपने हिसाब से गढ़ रहे हैं।

आंकड़े के मुताबिक इस हादसे में 121 लोगों की मौत हुई है। बड़ी संख्या में लोग जख्मी हैं। पुलिस ने अभी 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी घटनास्थल पर पहुंचे और भगदड़ में जाने गंवाने वाले परिजनों से मुलाकात की इस दौरान, उन्होंने सरकार से पीड़ितों और मृतकों के परिजनों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की रकम बढ़ाने की मांग की।

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