15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि का पर्व समाप्त होगा। देवी मां दु्र्गा की पूजा-आराधना का पर्व है शारदीय नवरात्रि।
नवरात्रों में सबके घरों में कलश स्थापना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि कलश स्थापना से घर – परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, वैभव और मंगल कामनाओं की पूर्ति होती है। तो चलिए आपको बताते हैं नवरात्रों में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना महत्व –
कलश स्थापना से घर और परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, वैभव और मंगल कामनाओं की पूर्ति होती है। मान्यता है कि कलश के मुख में विष्णु भगवान, कंठ में शंकर भगवान और मूल में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसके मध्य भाग में दैवीय मातृशक्तियां का निवास होता है। कलश में गंगाजल भरकर रखा जाता है। जल रखने के पीछे माना जाता है कि भक्त का मन भी जल की तरह निर्मल, स्वच्छ और शीतल बना रहे। उसके मन में लोभ, क्रोध और घमण्ड की भावना का वास नहीं होता।
घटस्थापना शुभ मुहूर्त – –
आश्विन घटस्थापना रविवार, 15 अक्टूबर 2023
घटस्थापना मुहूर्त – 11:44 से 12:31
(अवधि – 00 घण्टे 46 मिनट्स)
कलश स्थापना पूजा विधि-
- कलश में सबसे पहले गंगा जल भरे।
- अब इसमें इत्र, सुपारी, दूर्वा घास, सिक्का, अक्षत डालें।
- कलश के पास पांच अशोक के पत्ते रख दें।
- कलश के ऊपर एक नारियल रखें
- नारियल को लाल कपड़े या फिर लाल चुनरी से लपेट दें।
- अब नारियल और इस चुनरी को रक्षा सूत्र या फिर मोली से बांधें।
- चौकी पर या फिर ज़मीन पर जौ वाला एक पात्र रखें।
- जौ वाले पात्र के ऊपर अब एक मिटटी का कलश रखें और कलश के ऊपर नारियल रखें।
शारदीय नवरात्रि की तिथियां –
15 अक्टूबर 2023 – मां शैलपुत्री
16 अक्टूबर 2023 – मां ब्रह्मचारिणी
17 अक्टूबर 2023 – मां चंद्रघंटा
18 अक्टूबर 2023 – मां कुष्मांडा
19 अक्टूबर 2023 – मां स्कंदमाता
20 अक्टूबर 2023 – मां कात्यायनी
21 अक्टूबर 2023 – मां कालरात्रि
22 अक्टूबर 2023 – मां महागौरी
23 अक्टूबर 2023 – महानवमी
24 अक्टूबर 2023 – दशहरा