बाजार नियामक सेबी ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के सार्वजनिक निर्गम में अनियमितता के एक मामले में जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड को 31 मार्च, 2025 तक ऋण प्रतिभूतियों के निर्गमों के लिए प्रमुख प्रबंधक के रूप में कार्य करने से रोकने के अंतरिम निर्देशों की बृहस्पतिवार को पुष्टि कर दी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक पुष्टिकरण आदेश में स्पष्ट किया कि जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड (जेएमएफएल) पर यह प्रतिबंध केवल ऋण प्रतिभूतियों के सार्वजनिक निर्गमों पर लागू होता है और इक्विटी निर्गम सहित अन्य गतिविधियां इसके दायरे में नहीं आती हैं।

पूंजी बाजार नियामक ने सात मार्च को जारी अपने अंतरिम आदेश में एनसीडी के सार्वजनिक निर्गम में संभावित अनियमितताओं के कारण जेएमएफएल को ऋण प्रतिभूतियों के सार्वजनिक निर्गमों के लिए प्रमुख प्रबंधक के रूप में काम करने से रोक दिया था।

जेएमएफएल ने एक प्रमुख प्रबंधक के रूप में जेएम समूह के भीतर खुदरा निवेशकों और संबद्ध कंपनियों को शामिल करते हुए कथित तौर पर अनियमित व्यवहार किया था। सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि जेएम समूह की इकाइयां जेएमएफएल द्वारा प्रबंधित निर्गमों में प्रतिभूतियों के लिए आवेदन करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करती हुई नजर आईं।

खुदरा निवेशकों को महत्वपूर्ण एनसीडी आवंटन किए गए थे और उन्होंने सूचीबद्धता के ही दिन उन प्रतिभूतियों को बेच दिया। इन प्रतिभूतियों की प्राथमिक खरीदार जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जेएमएफपीएल) थी जो जेएम समूह की ही एक इकाई है।

उसने इन प्रतिभूतियों को आगे घाटे में बेच दिया था। सेबी के अंतरिम आदेश के बाद जेएमएफएल ने नियामक से प्रतिबंधों की पुष्टि नहीं करने का अनुरोध किया था और अपनी तरफ से कुछ स्वैच्छिक कदमों की पेशकश की थी।

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