झारखंड की महिला जज के एसीआर में प्रतिकूल टिप्पणी पर हाई कोर्ट के रजिस्ट्री को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)।
झारखंड की एक महिला जज को बच्चे की देखरेख को लेकर छुट्टी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में प्रतिकूल टिप्पणी करने पर झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्री को नोटिस जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
दरअसल, झारखंड की एक महिला एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने बच्चे की देखरेख के लिए छह महीने की छुट्टी मांगी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की ही छुट्टी स्वीकृत की। हाई कोर्ट के इस आदेश को महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई को महिला जज की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट और झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया था।
आज सुनवाई के दौरान महिला जज की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद उसके एसीआर में प्रतिकूल टिप्पणी की गई है।
सुनवाई के दौरान महिला जज की ओर से पेश वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता सिंगल पैरेंट है और उन्होंने बच्चे की देखरेख के लिए 194 दिनों की छुट्टी के लिए अर्जी दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने केवल 92 दिन की ही छुट्टी स्वीकृत की थी। महिला जज की ओऱ से कहा गया था कि वो अनुसूचित जाति की हैं और वो सर्वाधिक अच्छा काम करने वाले जजों में से हैं। उन्होंने अब तक 4660 मामलों का निपटारा किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद याचिकाकर्ता के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद एसीआर में प्रतिकूल टिप्पणी की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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