पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट 22 अप्रैल को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को करने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये मामला काफी दिनों के बाद लिस्ट हुआ है, इसलिए इस मामले की सुनवाई अप्रैल में की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर, 2021 में इस मामले पर विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया था। इस टीम की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रविंद्रन कर रहे थे। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दाखिल की थी। विशेषज्ञ कमेटी ने कहा था कि उसकी रिपोर्ट को प्रकाशित न किया जाए। कमेटी को 29 फोन दिए गए थे, जिसमें पांच में मालवेयर का अंदेशा था। हालांकि, यह तय नहीं हो पाया कि यह पेगासस ही है। कमेटी ने तीन हिस्सों में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इनमें से दो रिपोर्ट टेक्निकल कमेटी की है, जबकि एक रिपोर्ट जस्टिस रविंद्रन की थी। रिपोर्ट में कुछ गोपनीय बातें हैं। कुछ निजी सूचनाएं भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

जस्टिस रविंद्रन की रिपोर्ट में आम नागरिकों पर साइबर हमले और गैरकानूनी तरीके से निगरानी करने के खिलाफ नए कानून बनाने की अनुशंसा की गई है। कोर्ट ने इस जांच कमेटी की मदद के लिए तीन सदस्यीय तकनीकी कमेटी का गठन किया था। तकनीकी कमेटी में नेशनल फोरेंसिक साइंस युनिवर्सिटी, गांधीनगर के डीन प्रोफेसर डॉक्टर नवीन कुमार चौधरी, अमृता विश्व विद्यापीठम, अमृतापुरम केरल के प्रोफेसर प्रभाहरन पी और आईआईटी बांबे के प्रोफेसर डॉक्टर अश्विन अनिल गुमाश्ते शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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