भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष सारनाथ से वियतनाम पहुंचे, प्रार्थना के बाद अवशेषों को मठ में किया गया स्थापित
नई दिल्ली, 2 मई (हि.स.)। महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहल के रूप में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष शुक्रवार को एक विशेष विमान से वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर पहुंचे। यह यात्रा 6-8 मई तक वियतनाम में वेसाक के संयुक्त राष्ट्र दिवस समारोह की शुरुआत का प्रतीक है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और आंध्र प्रदेश के मंत्री कंडुला दुर्गेश के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भिक्षु और वरिष्ठ अधिकारी सारनाथ से पवित्र अवशेषों को साथ लेकर पहुंचे। वियतनाम सरकार और बौद्ध संघ ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। औपचारिक प्रार्थना के बाद पवित्र अवशेषों को थान टैम मठ में स्थापित किया गया।
शांति और मित्रता के प्रतीकात्मक रूप में वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय में भारत से लाया गया एक पवित्र बोधि वृक्ष का पौधा भी लगाया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल और वियतनामी संघ के नेताओं द्वारा एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जहां किरेन रिजिजू ने भारत के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश दिया। वियतनाम सरकार बुद्ध के पवित्र अवशेष के यहां लाने के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। पवित्र अवशेष 2 मई से 21 मई, 2025 तक वेसाक दिवस स्मरणोत्सव के भाग के रूप में वियतनाम में रहेंगे।
माना जाता है कि यह प्रतिष्ठित अवशेष 246 ई. से भी पुराना है, जिसे मूल रूप से नागार्जुनकोंडा, आंध्र प्रदेश से खोदकर निकाला गया था और यह महाबोधि सोसाइटी सारनाथ के संरक्षण में है। पवित्र अवशेष को 2 से 8 मई तक औपचारिक रूप से स्थापित कर पूजन किया जाएगा।
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