मुजफ्फरनगर। 22 मार्च दिन बुधवार से हिंदू नव वर्ष प्रारंभ हो रहा है ,भारतीय संस्कृति में किसी भी नवीन कार्य का शुभारंभ शक्ति पूजन के साथ किया जाता है, वर्षभर कार्य करने की उर्जा बनी रहे इसलिए सर्वप्रथम शक्ति की उपासना का प्रावधान है, महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष महामंडलेश्वर संजीव शंकर जी महाराज ने बताया कि इस वर्ष प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात्रि 10ः52 पर आ जाएगी अतः 22 मार्च को सूर्योदय के समय प्रतिपदा रहेगी, 22 मार्च को प्रातः 6ः30 से 7ः32 तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त है अतः घटस्थापना कर देवी की प्रसन्नता के लिए कोई पाठ जैसे दुर्गा सप्तशती, गुरु से प्राप्त कोई देवी का मंत्र, सहस्त्र चंडी पाठ एवं यज्ञ इत्यादि का शुभारंभ करें।


संजीव शंकर ने बताया कि भगवती को ज्योति प्रिय है अतः संभव हो तो 9 दिनों के लिए अखंड ज्योत चलाएं अखंड ज्योति संभव न हो तो प्रतिपदा से नवमी तक सुबह-शाम दीप प्रज्वलित करें,यह भी संभावना न हो तो एक समय शाम को अवश्य ही प्रज्वलित करें, भगवती को मीठे पान का भोग सर्वाधिक प्रिय है,शास्त्र कहते हैं ’यत्र नार्यस्तु पूज्यनते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां नारी का पूजन होता है वहां सभी देवताओं का वास होता है घर परिवार समाज में नारी जगत के प्रति सम्मान भाव रखें तो व्रत सफल माने जाएंगे। वृत्त की सफलता के लिए अपने मोहल्ले के आसपास के किसी प्राण प्रतिष्ठित देवी मंदिर में प्रतिदिन दर्शन व आरती के लिए जाएं, मंदिर की साज सज्जा का भी ध्यान दें।

चैत्र नवरात्रि 2023
22 मार्च 2023-प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना’
23 मार्च 2023-द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
24 मार्च 2023-तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
25 मार्च 2023-चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
26 मार्च 2023-पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
27 मार्च 2023-षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
28 मार्च 2023-सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा
29 मार्च 2023-अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
30 मार्च 2023-नवमी तिथि, मां सि(ीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी, राम नवमी

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