सैनिक बार्डर पर तो परिवार की सुरक्षा जरूरी : हाईकोर्ट

–मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदेश की हाई पावर कमेटी गठित

–जिले स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भी होगी कमेटी –एक माह में बैठक करने का निर्देश, पचास फीसदी होगा कोरम–बैठक में कम-से-कम सेना का एक सदस्य की मौजूदगी अनिवार्य

प्रयागराज, 25 फ़रवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार्डर पर देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों के परिवार की सुरक्षा शिकायतों पर ऐक्शन के लिए राज्य सरकार की प्रदेश व जिला स्तर पर कमेटी को मंजूरी दे दी है और कमेटी को अगले एक माह में बैठक करने का निर्देश दिया है।

राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। जिसमें विभिन्न विभागों,तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। कमेटी की बैठक का कोरम पचास फीसदी होगा और नियमित बैठक होती रहेगी। कमेटी सैनिक परिवार की सुरक्षा शिकायतों पर निर्णय लेकर कार्रवाई करेगी। हर बैठक में सेना के कम-से-कम एक प्रतिनिधि का उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। इसी तरह से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भी जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर तैनात सैन्यकर्मी की फिरोजाबाद की सहायक अध्यापिका पत्नी की याचिका पर दिया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य को सैन्यकर्मियों के परिवारों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए। पीड़ितों को कभी भी असहाय या असुरक्षित नहीं छोड़ा जाना चाहिए। एक शिक्षा मित्र पर सैन्यकर्मी की पत्नी को परेशान करने की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई।सेना अधिकारी के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।तो पत्नी ने हाईकोर्ट की शरण ली। केवल आरोपी शिक्षामित्र का स्थानांतरण कर दिया गया लेकिन उसने दोबारा स्कूल में आकर अशोभनीय हरकत की। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि राज्य के अधिकारी शिकायत का समाधान नहीं कर रहे हैं और इससे याची के पति की राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने कहा कि सैन्यकर्मियों के परिवार की शिकायत का प्राथमिकता से समाधान करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और एक जवाबदेही प्रणाली विकसित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

कोर्ट ने कई सुझाए दिये और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।जिसपर राज्य सरकार की तरफ से राज्य व जिला स्तर की कमेटी गठित होने की जानकारी दी गई। कोर्ट ने कमेटी में कुछ बदलाव भी किए।और अधिक जवाबदेह बनाया।

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By admin

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