पतंजलि की दवा रीनोग्रिट पर किया गया शोध रिसर्च जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के 100 शीर्ष शोध पत्रों में शामिल
हरिद्वार, 18 मार्च (हि.स.)। आयुर्वेद को समर्पित पतंजलि के वैज्ञानिकों की निर्मित किडनी की दवा रीनोग्रिट अनुसंधान के बाद किडनी के उपचार में उपयोगी व प्रामाणिक सिद्ध हुई है। पतंजलि की तैयार किडनी की दवा रीनोग्रिट पर किए गए शोध को विश्व प्रसिद्ध प्रकाशक नेचर पोर्टफोलियो के रिसर्च जर्नल “साइंटिफिक रिपोर्ट्स” के वर्ष 2024 के शीर्ष 100 शोध आर्टिकल में शामिल गया है।
इस संबंध में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को बताया कि आयुर्वेदिक रीनोग्रिट पर प्रकाशित शोध पत्र को 2,568 लोगों ने डाउनलोड किया गया है। यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि आयुर्वेदिक औषधियां न केवल रोगों को दूर करने में सफल प्रमाणित हो रही हैं, अपितु यह वैज्ञानिकों के लिए भी एक कौतुहल का विषय है कि किस प्रकार जड़ी–बूटियों से बनी कोई औषधि बिना किसी दुष्प्रभाव के बड़े से बड़े रोग को दूर करने में सक्षम है। आचार्य ने कहा कि शोध से स्पष्ट होता है कि पतंजलि की निर्मित आयुर्वेदिक औषधि रीनोग्रिट न केवल कैंसर की एलोपैथिक दवा से खराब हुए किडनी को ठीक करती है, बल्कि किडनी कोशिकाओं को दुरुस्त कर क्रियाशील बनाती है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रीनोग्रिट की यह सफलता आयुर्वेद की वैज्ञानिक प्रमाणिकता को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि जब सनातन विज्ञान को नवीन तकनीकों की कसौटी पर परखा जाता है तो किस प्रकार अभूतपूर्ण परिणाम प्राप्त होते हैं।
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