रुद्रनाथ की यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी

-140 श्रद्धालु ही प्रतिदिन जा सकेंगे रुद्रनाथ

गोपेश्वर, 14 मई (हि.स.)। पंच केदरों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट 18 मई को खुलने हैं। जिसको लेकर मंदिर समिति के साथ प्रशासन और केदारनाथ वन प्रभाग ने तैयारियां शुरु कर दी है।

इस बार रुद्रनाथ की यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए वन प्रभाग की ओर से पारिस्थितिकी विकास समिति (ईडीसी) का गठन किया गया है। यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या भी निर्धारित कर दी गई है।

केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी तरुण एस ने बताया कि पंच केदारों में चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ यात्रा को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए यात्रा मार्ग से लगे सगर, ग्वाड़, गंगोलगांव, सिरोली एवं कुजौं गांव में पारिस्थितिकी विकास समितियों का गठन किया गया है। बीते वर्षों की रुद्रनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं की संख्या और संरक्षित क्षेत्र के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुये इस वर्ष यात्रियों की धारण क्षमता के अनुरुप प्रतिदिन 140 श्रद्धाओं की संख्या निर्धारित की गई है। ऐसे में यात्रा के सुचारु संचालन के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से यात्रियों के ऑनलाईन पंजीकरण के लिए बेब साईड तैयार की गई है। जिसमें रूद्रनाथ आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा।

श्री रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा इस वर्ष वन प्रभाग की ओर से गठित ईडीसी के माध्यम से संचालित की जायेगी। इससे संबंधित सभी गांव के स्थानीय लोगों को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा। इस वर्ष यात्रा मार्ग पर ईडीसी की ओर से स्थानीय ग्रामीणों को तीन स्थानों पर 18 टैंट संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। यात्रा मार्ग पर ल्वींटी और श्री रुद्रनाथ मंदिर के समीप बायोटायलेट स्थापित किये जा रहे है। यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था के लिए ईडीसी की ओर से सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करने का भी प्रवधान किया गया है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर गाईड, पोर्टर और घोडे खच्चरों का संचालन करने के लिए ईडीसी में पंजीकरण आवश्यक किया गया है। नियमों का उल्लघंन करने पर सम्बन्धित की विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के प्राविधान किये गये है।

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