राजस्थान के पाली जिले की एक अदालत ने एक बच्ची से दुष्कर्म और उसकी तथा उसके भाई की हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए बुधवार को मौत की सजा सुनाई।
अदालत ने दोषी व्यक्ति पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
न्यायाधीश अनवर अहमद चौहान ने फैसला सुनाते हुए कहा कि व्यक्ति ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दीं।
उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी ने जघन्य अपराध किया है, इसलिए उसे मौत की सजा देना जरूरी है।’’
लोक अभियोजक खेमाराम पटेल के अनुसार, पाली जिले के सिरियारी क्षेत्र के आसन जोधवान गांव निवासी आरोपी अर्जुन सिंह (22) को 10 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म का दोषी पाया गया। उसे लड़की और उसके 13 वर्षीय भाई की पत्थर से कुचलकर हत्या करने का भी दोषी पाया गया।
पटेल ने कहा कि घटना के दिन लड़की और उसका भाई अपनी बकरियां चराने गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब वे घर नहीं लौटे तो पुलिस और परिवार के सदस्यों ने उनकी तलाश शुरू की। अगले दिन उनके क्षत-विक्षत शव मिले।’’
पटेल ने कहा, ‘‘दुष्कर्म के बाद अर्जुन ने लड़की की हत्या कर दी। उसकी चीखें सुनकर उसका भाई घटनास्थल पर पहुंचा। पहचाने जाने के डर से अर्जुन ने बेरहमी से हमला किया और उसके भाई की भी हत्या कर दी।’’
अर्जुन को दुष्कर्म के मामले में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मृत्यु तक जेल में रहने और दोहरे हत्याकांड में मौत की सजा सुनाई गई है।